यूपी इलेक्शन से पहले राम नाम पर बीजेपी की पॉलिटिक्स
यूपी चुनाव नजदीक आते ही सियासत गरमा गई है। जहां एक ओर केंद्र सरकार अयोध्या में रामायण म्यूजियम बनाने की योजना बना रही है तो वहीं दूसरी ओर यूपी सरकार ने सरयू किनारे रामलीला पार्क बनाने का ऐलान कर दिया है। वैसे यदि इस समय बीजेपी के चुनाव प्रचार को देखा जाए तो इसमें भगवान राम का जिक्र हर जगह देखने को मिलेगा। इस पर विपक्ष की ओर से बयानबाजी करने का दौर भी शुरू हो गया है। विपक्ष का कहना है कि चुनाव आते ही बीजेपी को राम याद आने लगते है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के घोषणापत्र में राम मंदिर का जिक्र था। हालांकि चुनाव बीतने के साथ ही राम मंदिर का मसला भी गुम हो गया।
नया नहीं है राम मंदिर का मसला
पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो ये साफ़ हो जाता है कि राम मंदिर निर्माण का मसला यूपी चुनाव में पिछले कुछ सालों से लगातार चलता आ रहा है। साल 2009 के आम चुनाव में पीएम पद के उम्मीदवार रहे लालकृष्ण आडवाणी की ओर से बीजेपी ने राम मंदिर को मुद्दा बनाया गया था। हालांकि उस समय बीजेपी को महज़ 10 सीटें ही नसीब हो पाई थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में अयोध्या सीट पर पहली बार समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया जबकि इस सीट पर 1991 से बीजेपी का ही उम्मीदवार जीतता आ रहा था. यह इस बात का संकेत था कि अगर बीजेपी केवल राम मंदिर का मसला उठाए तो यूपी क्या, अयोध्या में भी नहीं जीत सकती।
मोदी के हर भाषण में राम नाम का जिक्र
बता दें कि आजकल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी लगभग हर रैली में भगवान राम का गुणगान कर रहे हैं। बात चाहे पाक को जवाब देने की हो या फिर देश में ही विपक्ष को जवाब देने की हो मोदी अपने भाषण में जयश्री राम का नारा ज़रूर देते दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार को हिमाचल पहुंचे पीएम मोदी ने अपने भाषण में जयश्री राम का जिक्र किया था।