अब किसानों के लिए आई है एक अच्छी ख़बर, और वो ये है की किसानों द्वारा तैयार की गई सब्जियों की फसल के सही दाम न मिलने और ख़राब होने के कारण अब उन्हें फसल सड़क पर नहीं फेंकना पड़ेगी। अभी तक ताज़ी सब्जियों के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज का उपयोग किया जाता है, जिससे सब्जियों को ज्यादा दिनों तक खराब होने से नहीं बचाया जा सकता था और साथ ही कोल्ड स्टोरेज में स्टोर करने पर नाइट्रोजन का भी उपयोग होता था। लेकिन इस नई तकनीक से सब्जियों को 1000 दिनों तक सहेजा जा सकता है। इस नई तकनीक को ब्लैक बॉक्स का नाम दिया गया है।
विस्तार एग्रीटेक के साहिल पीरजादा और सचिन अधिकारी इस तकनीक को भारत में लाने की तैयारी कर रहे हैं। इस तकनीक को लाने के लिए उन्होंने स्पेन की नाइस फ्रूट्स के साथ गठजोड़ किया है। इस गठजोड़ के तहत सबसे पहले हैदराबाद में दो ऐसे कोल्ड स्टोर खोले जाएंगे। अगले सात महीने में इन कोल्ड स्टोर के शुरू होने की उम्मीद है। पीरजादा ने बताया, ‘ब्लैक बॉक्स एक अनोखी तकनीक है, जिसे स्पेन के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। इसे आसानी से किसी भी फैक्ट्री या संयंत्र में स्थापित किया जा सकता है। सामान्य कोल्ड स्टोर में फल-सब्जियों को संरक्षित रखने के लिए नाइट्रोजन का इस्तेमाल होता है। वहीं इस तकनीक में नाइट्रोजन या किसी भी अन्य प्रिजरवेटिव का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसमें फल-सब्जी के प्राकृतिक पोषक तत्व 1,000 दिनों तक सुरक्षित बने रहते हैं।’
हैदराबाद में इस तकनीक के दो स्टोरेज बनाने के लिए हिंदुस्तान एलएनजी से साहिल पीरजादा और सचिन अधिकारी का करार हुआ है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह के स्टोरेज बनाने की योजना है। इस तकनीक के लाभ को लेकर उन्होंने बताया ‘बाजार में उपज की कीमत बहुत कम होने पर कई बार किसानों को फल व सब्जियां सड़क पर फेंकना पड़ता है। संरक्षित करने की व्यवस्था न होने से उनके पास कोई विकल्प नहीं बचता है। वहीं हमारे पास आकर उन्हें चार गुना तक ज्यादा कीमत मिल सकती है।’ पीरजादा ने बताया कि ब्लैक बॉक्स तकनीक से तैयार कोल्ड स्टोरेज कंपनियां किसानों से फल-सब्जी खरीदकर उन्हें अपनी शर्तो पर निर्यात करेंगी।