अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढऩे वालों को करना होगा ये काम
देशभर में हो रही डॉक्टरों की कमी के चलते अब हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। ये फैसला हरियाणा के सरकारी कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों के लिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि अब सरकारी कॉलजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को कोर्स के बाद दो साल तक राज्य के सरकारी अस्पतालों को अपनी सेवाएं देनी होंगी। इससे राज्य में जहां डॉक्टरों की कमी से राहत मिलेगी वहीं सरकारी अस्पतालों को दो साल में लगभग 800 डॉक्टर मिलेंगे।
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श्री विज ने कहा है कि सरकारी कॉलेज से डॉक्टर की डिग्री लेने के बाद छात्र सीधे राज्य से बाहर जाकर प्राइवेट हॉस्पीटल में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं, इसी के चलते सरकारी हॉस्पीटल्स में डॉक्टरों का अकाल पड़ रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए अब सरकार ने ये नया नियम लागू किया है।
स्वास्थय मंत्री ने कहा कि रोहतक स्थित दंत कॉलेज की सीटें 60 से बढ़ा कर 100 की गई हैं। इससे भी दंत चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि राज्य के छह सरकारी अस्पतालों में डीएनबी पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे ताकि अधिकाधिक विशेषज्ञ मिल सकें।
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