सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के वार्षिक कैलेंडर पर पीएम मोदी की तस्वीर छपने से काफी बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पहले इन कैलेंडर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर होती थी। जिसमें महात्मा गांधी चरखा चलाते हुए नज़र आते थे। लेकिन इस वर्ष पीएम मोदी इस कैलेंडर में चरखा चलाते हुए नज़र आ रहे है। इस बात का विपक्ष ने भी विरोध किया है।
देश की बड़े भारतीय छात्र संगठन ने भी इसका विरोध किया है। एनएसयूआई ने पीएम मोदी की फोटो छापने पर कुछ अलग तरीके से अनोखा विरोध किया है। एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्रा के ख़िलाफ़ एनएसयूआई स्टूडेंट ने ये विरोध मंत्री कलराज मिश्रा के आवास-3 सफदरगंज पर किया। छात्रों का पूरा विरोध गांधीगिरी के अंदाज़ में था।
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने अपने साथ एक गांधीजी का परिधान ग्रहण किए हुए साथी को लेकर आए थे जिनके हाथों में रखा था। कार्यकर्ताओं ने अपने मुंह पर काली पट्टी बांध रखी थी तथा हाथों में गांधीजी की फोटो लगी तख्तियां और स्लोगन लिखी तख्तियां थी। एनएसयूआई के सभी कार्यकर्ताओं ने पूरी तरह गांधीगिरी से अपना प्रदर्शन किया।
कार्यकर्ता अपना प्रदर्शन कर रहे थे तभी वहां पुलिस हिंसक हो गई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर एनएसयूआर्ठ कार्यकर्ताओं को वहां से गिरफ्तार कर तुगलक रोड़ थाना ले गई जहां कुछ घंटे बाद सभी लोगों को छोड़ दिया गया। इस प्रकरण के बाद एनएसयूआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष अमृता धवन का कहना है कि वर्तमान में जिस तरीके से राष्ट्रीय प्रतीकों पर हमला किया जा रहा है वह निंदनीय है। गांधीजी की फोटो की जगह अपनी फोटो लगाकर मोदीजी ने अपनी ओछी राजनीति का परिचय दिया है।