मोदी सरकार का ऐतिहासिक फ़ैसला, अब अलग से पेश नहीं होगा रेल बजट
सरकार ने वर्षों से चली आ रही परंपरा को बुधवार यानी कि आज तोड़ दिया है। दरअसल आज केंद्रीय सरकार एक अहम फ़ैसला लिया है। केबिनेट ने रेल बजट को आम बजट में शामिल करने के फ़ैसले पर मुहर लगा दी है। इसके साथ ही संसद की मंजूरी के बाद आगामी साल से आम बजट और रेल बजट को अलग- अलग पेश करने की बजाय एक साथ ही पेश किया जाएगा। बता दें कि सन् 1924 से लेकर अब तक रेल बजट अलग से पेश होता आ रहा है। सरकार के इस फ़ैसले को ऐतिहासिक फ़ैसला माना जा रहा है।
बजट का समय बदलने से क्या होगा ?
बता दें कि सरकार पूरी बजट प्रक्रिया को 24 मार्च से पहले समाप्त करना चाहती है। अभी तक बजट प्रक्रिया पूरी करने में फरवरी से मई तक का समय लगता था। इस फैसले के पीछे सरकार का मकसद है कि बजट प्रस्तावों को नया वित्त वर्ष शुरु होने से पहले अमल में लाना। सरकार अगला बजट सत्र 25 जनवरी 2017 से पहले बुला सकती है। वैसे जानकारों का मानना है कि रेल बजट को आम बजट में शामिल करने के बाद भी रेलवे की स्वायतता बरकार रहेगी। नई ट्रेन चलाने का फ़ैसला और यात्रियों को नई सुविधाएं देने संबंधित फैसले रेलवे पहले की तरह ही करेगा। बता दें कि अब तक आम बजट हर साल फरवरी महीने के आखिरी हफ्ते में पेश किया जाता रहा है।
गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक लेटर लिखा था। इस पत्र में उन्होंने रेल बजट को आम बजट में शामिल करने की बात की थी।