एएफआई ने खारिज किए एथलीट जैशा के आरोप
रियो ओलिंपिक में मैराथन के दौरान बेहोश हुई एथलीट ओ पी जैशा के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। एएफआई यानी कि भारतीय एथलेटिक फेडरेशन ने जैशा के लगाए आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। एएफआई ने एक बयान जारी किया है। बयान में एएफआई ने जैशा और उनके कोच को ही गलत ठहरा दिया है और कहा है कि वहां सारे इंतजाम रियो कमेटी के हाथ में थे और इंतजाम पर्याप्त थे। रेस के दौरान खुद जैशा और उनके कोच ने एनर्जी ड्रिंक लेने से मना कर दिया था। वहीं दूसरी ओर जैशा अभी भी एएफआई पर लगाए आरोप पर कायम है और उन्होंने इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।
आपको बता दें कि ओलिंपिक में मैराथन इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली ओ पी जैशा ने भारत लौटने के बाद एएफआई पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें एनर्जी ड्रिंक्स तो दूर, पानी तक नहीं दिया गया। रेस पूरी होने के तीन घंटों तक वह बेहोश रहीं और वो मर भी सकती थीं, हॉस्पिटल में उन्हें कई बोतल ग्लूकोज़ भी चढ़ाया गया।
जैशा ने कहा है कि ”मैं सरकार या एएफआई से नहीं लड़ सकती लेकिन ईश्वर और मैं जानते है कि सच क्या है। आखिरकार मैं झूठ क्यों बोलूंगी, जबकि मैंने अपने पूरे स्पोर्ट्स करियर में आज तक कोई शिकायत नहीं की।”जैशा के आरोपों के बाद उनके समर्थन और विरोध में लोग खड़े हो गए हैं। जहां एनसीपी नेता तारिक अनवर ने जैशा का समर्थन करते हुए इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और भारत सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया। कहा कि इससे पता चलता है कि भारत सरकार की नीतियां किस प्रकार की हैं वहीं दूसरी और उनके विरोध में पूर्व हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद ने कहा कि ”इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। असली चीजों को छुपाने के लिए ऐसी बातें की जा रही हैं। जब खिलाड़ी ओलिंपिक जैसे स्टेज पर पहुंचता है तो उसके लिए ये सारी बातें दोयम हो जाती हैं। मुझे लगता है कि इस मामले में किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है।”
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