अक्षय कुमार सहित अन्य सितारों ने राष्ट्रपति से लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड
दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार आयोजित हुआ। यहां राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जाने-माने फिल्म निर्देशक के विश्वनाथ को दादा साहब फाल्के पुरस्कार ने नवाजा वहीं अक्षय कुमार ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार राष्ट्रपति के हाथों लिया। इसके साथ ही श्री मुखर्जी ने सुरभी लक्ष्मी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा।
जहां अक्षय कुमार अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। बता दें कि ये सम्मान अक्षय को उनकी फिल्म रूस्तम के लिए मिला है। फिल्म में अक्षय ने नेवी ऑफिसर रूस्तम पावरी का किरदार निभाया था। वहीं सुरभी लक्ष्मी को मलयालम फिलम मिन्नामिनुंगु : द फायरफ्लाई में उत्कृष्ट अभिनय के लिए मिला है। इस खास मौके पर सोनम कपूर अपने पिता अनिल कपूर और अपने बॉयफ्रें ड आनंद आहूजा के साथ यहां पहुंची थी।
बता दें कि सोनम को उनकी फिल्म नीरजा के लिए स्पेशल मेंशन खिताब से नवाजा गया है। साथ ही आदिल हुसैन को फिल्म मुक्ति भवन के लिए विशेष पुरस्कार मिला है। पिछले साल आई दंगल में गीता का किरदार निभाने वाली जायरा बसीम को सर्वश्रेष्ठ सहकलाकार अदाकार के खिताब से नवाजा गया है।
इन्हें भी मिले पुरस्कार-
– बेस्ट फीचर फिल्म का पुरस्कार मराठी फिल्म कासव को दिया गया।
– हिंदी फीचर फिल्म का पुरस्कार नीरजा ने हासिल किया।
– मराठी फिल्म वेंटीलेटर के लिए राजेश मापुस्कर को सर्वश्रेश्ठ निर्देशक , मराठी फिल्म दशकिया के लिए मनोज जोशी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला।
– अमिताभ बच्चन की फिल्म पिंक को सामाजिक मुद्दे पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार दिया गया।
– बाल फिल्म का पुरस्कार राजेश कुकुनर की फिल्म धनक मिला।
– सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन कलाकारों आदिश प्रवीण को मलायम फिल्म कुंजु दैवम , नूर इस्लाम ो बंगला फिल्म सहज पाथेर गप्पो और के मनोहरा को कन्नड़ फिल्म के लिए मिला।
प्रियदर्शन ने कहा- हमने पूरा न्याय नहीं किया
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए फीचर फिल्म निर्णायक मंडल की अध्यक्षता कर रहे फिल्मकार प्रियदर्शन ने कहा है कि इसने विजेताओं के चयन में पूरा न्याय नहीं किया है। बता दं कि फिल्म रूस्तम में भूमिका के लिए अक्षय कुमार को लिए इस साल का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुने जाने को लेकर उनकी आलोचना हुई थी। इस समारोह में प्रियदर्शन ने कहा कि भारत एक ऐसा देश हे जो सबसे ज्यादा फिल्में बनाता है। सिलेक् शन करना वाकई बहुत मुश्किल था। करीब 344 फिल्मों को विचार के लिए भेजा गया था जिनकी छंटाई का काम पांच निर्णायक मंडल की टीम ने किया। इस पूरी प्रक्रिया में दो महीने का समय लग गया।
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