Wednesday, August 2nd, 2017
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सर्जिकल-स्ट्राइक में भारत ने, तो सर्जिकल-इंस्ट्रूमेंट में पाक ने मारी बाज़ी




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सर्जिकल स्ट्राइक में भले ही भारत ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए हों, लेकिन सर्जरी में काम आने वाले उपकरणों के लिए बहुत हद तक भारत को अपने इस पड़ोसी देश पर निर्भर रहना पड़ता है। विभाजन से पहले अखंड भारत के पंजाब (अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत) में शुरू हुआ सर्जिकल उपकरण बनाने का उद्योग भारत सहित दुनिया के कई देशों को इन उपकरणों की सप्लाई करता है।

कई सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स का पाकिस्तान से ही इम्पोर्ट

दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध बिगड़ने के बावजूद भारत कैंची, चिमटी, नीडल होल्डर और रिट्रैक्टर (घाव को खोलने और ऑपरेशन के दौरान अंगों को फैलाकर रखने में काम आने वाला उपकरण) जैसे सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स का पाकिस्तान से ही इम्पोर्ट करता है। इन उपकरणों का भारत में तो इस्तेमाल होता ही है, यहां से उनका अफ्रीकी देशों को निर्यात भी किया जाता है।

पाक में 100 गुना ज्यादा प्रोडक्शन

सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स के सप्लायर्स ने ET को बताया कि भारतीय कारीगरों ने पाकिस्तानी कारीगरों का मुकाबला करने की कोशिश की थी, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुए। लियो मैन्युफैक्चरर्स के मालिक विपिन यादव ने बताया कि ये इंस्ट्रूमेंट्स पाकिस्तान में उपलब्ध हैमर फोर्जिंग तकनीक से बनाए जाते हैं। इस तकनीक के साथ इंडस्ट्री लगाने में बड़ा खर्च करना होगा, जो हम सरकारी मदद के बिना नहीं कर सकते। हम एक दिन में 50 पीस बनाते हैं, जबकि पाकिस्तान में हैमर फोर्जिंग के साथ एक दिन में लगभग 5,000 पीस बनाए जाते हैं और उनकी कीमत भी काफी कम होती है।

फिर भी भारत में है उत्पादन के मौके

पाकिस्तान में हैमर फोर्जिंग तकनीक एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी तक पहुंचती जाती है। सप्लायर्स ने बताया कि पाकिस्तान में मजदूर सस्ते होने के कारण भी इस उद्योग को फायदा मिलता है। इसके बावजूद इन इंस्ट्रूमेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए भारत में मौका है, क्योंकि पाकिस्तान में बने इंस्ट्रूमेंट्स वजनी होते हैं और भारत में इस्तेमाल के लिए अक्सर इनमें बदलाव करने की जरूरत पड़ती है। पाकिस्तान अभी रूस, जर्मनी और इटली सहित कुछ देशों को सीधा निर्यात करता है। इन देशों में वजनी सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स की जरूरत होती है।

भारतीय सप्लायर्स और पाकिस्तानी मैन्युफैक्चरर्स के बीच अच्छे संबंध

भारत में इन इंस्ट्रूमेंट्स के अधिकतर सप्लायर जालंधर में हैं और वे मुख्य तौर पर दोनों देशों के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस के जरिए सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स लाते हैं। इन इंस्ट्रूमेंट्स के कुछ सप्लायर दिल्ली, चेन्नई और मुंबई में भी हैं, जो पाकिस्तान के मैन्युफैक्चरिंग हब सियालकोट से सीधे इनका आयात करते हैं। भारतीय सप्लायर्स और पाकिस्तानी मैन्युफैक्चरर्स के बीच अच्छे संबंधों के कारण भारत में उपयोगी इंस्ट्रूमेंट्स को हल्का बनाया जाता है।

पाक के सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स की बाजार में हिस्सेदारी करीब 40%

चर्चा के दौरान जालंधर में रिट्रैक्टर मैन्युफैक्चरर्स के मालिक विनोद यादव ने बताया कि भारत में इंस्ट्रूमेंट्स की रिपेयरिंग किफायती नहीं होने के कारण हमने पाकिस्तानी मैन्युफैक्चरर्स से भारतीय ग्राहकों के लिए कम वजन वाले इंस्ट्रूमेंट्स बनाने का निवेदन किया था। अब पाकिस्तान से इम्पोर्ट होने वाले हल्के सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स की बाजार में हिस्सेदारी करीब 40% की है। पाकिस्तान से केवल जालंधर के सप्लायर्स ही लगभग 5 करोड़ रु. के सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स आयात करते हैं।

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