सिंधु जल समझौता तोड़ने पर पाक ने भारत को दी खोखली धमकी
भारत के सिंधु जल समझौते को तोड़ने की ख़बर ने पाक को हिलाकर रख दिखा है। इस ख़बर से परेशान पाकिस्तान ने भारत को कानूनी धमकी दी है। पाक के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने मंगलवार को नेशनल एसेंबली को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत भारत सिंधु जल समझौते को नहीं तोड़ सकता है। यदि भारत ऐसा करता है तो वह अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। सरताज ने करगिल और सियाचीन युद्ध का हवाला देते हुए कहा कि उस समय भी इस समझौते को रद्द नहीं किया गया था। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिंधु जल समझौते के लिए एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में मोदी ने सख्त लहजे में कहा था ”पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते हैं।” मोदी की बैठक के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी संयुक्त राष्ट्र की महासभा में पाक पर निशान साधते हुए उसे करारा जवाब दिया था।
क्या सिंधु जल समझौता?
19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच यह जल संधि हुई थी। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाक के राष्ट्रपति अयूब ख़ान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत पाकिस्तान के पूर्वी क्षेत्र की तीन नदियों व्यास, रावी और सतलज का नियंत्रण भारत को दिया गया था। वहीं दूसरी ओर पाक को पश्चिम की तीन नदियों सिंधु, चेनाब और झेलम के नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई थी। भारत सिंधु, रावी, व्यास, चिनाब, झेलम और सतलुच नदियों का 80 प्रतिशत पानी पाक को देता है। अब यदि भारत यह समझौता तोड़ता है तो पाकिस्तान की कमर टूट जाएगी क्योंकि पाक की कृषि भूमि इन्हीं नदियों के पानी पर निर्भर है। इसके अलावा पाक पर बिजली का संकट भी टूट पड़ेगा। बता दें कि सिंधु, झेलम और चेनाब में वाटर बेस्ड इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट चल रहा है। अगर ये समझौता कैंसल हुआ तो पाक पानी के साथ- साथ बिजली के लिए भी तरसेगा। वैसे पहले से ही पाक बिजली के संकट से जूझ रहा है।