नवाज, सेना के झगड़े की खबर देने वाले जर्नलिस्ट के देश छोड़ने पर रोक
इस्लामाबाद। जब जम्मू-कश्मीर के उरी में हमला हुआ है तभी भारत और पाक के बीच तनाव जारी है। इसी बीच नवाज शरीफ सरकार और पाक सेना के बीच संदिग्ध दरार की खबर देने वाले एक जर्नलिस्ट मुश्किल में पड़ गए हैं, उन्हें देश छोड़ने से रोक दिया गया है। जर्नलिस्ट खुफिया एजेंसी आईएसआई को कथित तौर पर कहा गया था कि आतंकी समूहों को उसके समर्थन के कारण देश वैश्विक रूप से अलग-थलग पड़ रहा है।
द डॉन के लिए कॉलम लिखने वाले और संवाददाता सिरिल अलमीडा ने ट्वीट करके कहा कि उन्हें निकास नियंत्रण सूची एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में रखा गया है। यह पाक सरकार की सीमा नियंत्रण की व्यवस्था है जिसके तहत सूची में शामिल लोगों को देश छोड़ने से रोक जाता है। अलमीडा ने ट्वीट किया उलझन में हूं दुखी हूं। कहीं जाने का कोई इरादा नहीं था । यह मेरा घर है पाकिस्तान। दरअसल पिछले हफ्ते पाकिस्तान के मशहूर अखबार में सरकार और सेना में टकराव की एक खबर छापी गई थी। जिसे लेकर नवाज शरीफ और सेना काफी खफा हैं। इसके बाद ही मीडिया पर यह सख्ती दिखाई जा रही है।
पीएम हाउस में नवाज शरीफ ने सोमवार को एक मीटिंग बुलाई थी। इसमें फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार, गृह मंत्री निसार अली खान, पंजाब प्रांत के सीएम शाबाज शरीफ और डीजी आईएसआई लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर शामिल हुए। इस मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा के अलावा 6 अक्टूबर को डॉन अखबार में छपी सेना-सरकार में टकराव वाली खबर पर भी चर्चा हुई थी। ऑफिशियल स्टेटमेंट में बताया गया कि मीटिंग में इस बात पर सभी एकमत थे कि यह खबर नेशनल सिक्युरिटी के लिहाज से पत्रकारिता के प्रिंसिपल्स को तोड़ती है। इसके बाद नवाज शरीफ ने इस खबर को छापने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का आर्डर दिया था।
डॉन अखबार ने 6 अक्टूबर को फ्रंट पेज पर एक खबर छापी थी। इसमें सूत्रों के हवाले से लिखा गया था कि नवाज ने सेना के टॉप अफसरों को बताया है कि आतंकवाद का कथित रूप से सपोर्ट करने की वजह से किस तरह पाकिस्तान विश्व बिरादरी में अलग-थलग पड़ गया है। हालांकि, सेना ने इस खबर को मनगढ़ंत बताया था। उधर डॉन के एडिटर का कहना है कि यह खबर पीएम हाउस से फैक्ट चेक कराने के बाद ही छापी गई थी।