चार तरीकों से पैरेंटिंग थैरेपी आपके और बच्चे के लिए है फायदेमंद-
पैरेंट्स होना इस दुनिया के बहुत मुश्किल कामों मे से एक है। यह बहुत पुरानी कहावत है, लेकिन कुछ हद तक सही भी है। वहीं दूसरी तरफ बात की जाए, तो ये बहुत ही सुखद अहसास भी है , जिसे सिर्फ पैरेंट्स द्वारा ही अनुभव किया जा सकता है। पैरेंटिंग थैरेपी की कल्पना भी यहीं से निकलती है और यह दूसरी थैरेपी की तरह कारगार भी है। इसकी खासियत यह है कि यह पैरेंट्स और बच्चों दोनों के लिए बहुत ही कारगर है।
एक दूसरे को समझने में है मददगार-
किसी को समझने के लिए उसके साथ वक्त गुजारना जरूरी है। यह बात बच्चे के साथ भी लागू होती है, लेकिन यहां मामला दूसरा है, क्योंकि किसी बच्चे के लिए पैरेंट्स से ही दुनिया शुरू होती है और वहीं वो सबकुछ सीखता है। लेकिन जब वह चीजों को समझने लगता है तब उसकी सोच मे बदलाव होता है। ऐसे में पैरेंटिंग थैरपेी पैरेंट्स को और उसके बच्चे को एकदूजे को समझने में मदद करती है।
व्यवहार को समझना-
बच्चों के लिए उन पैरेंट्स को डील करना बहुत मुश्किल होता है जो एग्रेसिव होते हैं। कुछ मामलों में बच्चों का व्यवहार पैरेंट्स की तुलना में बहुत एग्रेसिव रहता है। यहीं पैरेंटिंग थैरेपी काम करती है और इसके जरिए पैरेंट्स और बच्चा एक दूसरे के व्यवहार को अच्छे से समझने की कोशिश करते हैं।
सेफ एन्वायरमेंट बनाना-
समाज में बढ रही अपराधिक घटनाएं पैरेंट्स को बेचैन कर देती हैं और अगर ये घटना किसी बच्चे के साथ हो जाए तो सामान्य स्थिति में आना बहुत मुश्किल होता है। वहीं दूसरी तरफ एक पैरेंट्स अपने घर में ऐसा माहौल बनाते हैं, जहां बच्चा खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करता है।
तनाव दूर होता है-
आज तनाव ऐसा शब्द है, जो बहुत खतरनाक होता जा रहा है। क्योंकि यह बीमारियों का कारण है। ऐसे में अगर आपके पास कोई थैरेपी हो जिससे तनाव छूमंतर हो जाए तो क्या कहने। जी हां, पैरेंटिंग थैरेपी तनाव को दूर करने का सबसे असरदार और कारगर उपाय है। यह पूरी तरह आपके मनोभावों से जुड़ा हुआ है।
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