बॉलीवुड की फेमस और दिवंगत एक्ट्रेस परवीन बॉबी की संपत्ति को लेकर पिछले 11 सालों से परिवार में विवाद चल रहा था। बात कोर्ट तक भी पहुंच गई थी लेकिन अब परवीन बॉबी की संपत्ति किसको मिलेगी इसका फैसला कोर्ट सुना चुका हैं। परवीन की संपत्ति के लिए उनके चाचा ने कोर्ट में चैलेंज लिया था लेकिन कोर्ट ने अब वसीयत को स्वीकृति दे दी है।
कोर्ट में चाचा के द्वारा किए गए चैलेंज के बाद ये मुकदमा शुरू हुआ। उनके परिवार में पिछले 11 सालों से इस संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था लेकिन कोर्ट ने वसीयत को स्वीकृति दे दी है, जिसके मुताबिक उनकी संपत्ति का 20 प्रतिशत हिस्सा उनके चाचा को मिलेगा। वह इकलौते परिवार के सदस्य हैं, जिन्हें उनकी संपत्ति से कुछ मिल रहा है।
परवीन बॉबी की मौत के 11 साल बाद भी कोर्ट ने उनकी वसीयत की वैधता को स्वीकार किया। इस वजह से उन्होंने समाजसेवा का जो काम शुरू किया था, उसमें आसानी होगी और अभाव में जिंदगी गुजार रही महिलाओं और बच्चों का जीवन सुधार पाएगा। परवीन की यह वसीयत उनके मामा ने साल 2005 में कोर्ट को सौंपा था, जिसकी जांच पिछले सप्ताह तब हुई जब उनके पिता के साइड से अन्य रिश्तेदारों ने यह दावा किया कि वसीयत के ये कागजात गलत हैं। इसके बाद आए कोर्ट के फैसले ने परवीन बाबी की समंदर किनारे मौजूद घर, जुहू स्थित चार बेडरूम वाले फ्लैट, जूनागढ़ की हवेली, ज्वैलरी, बैंक में रखी 20 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य पूंजी को लेकर चल रहे लंबे विवाद को यहीं खत्म कर दिया है।
इस वसीयत के मुताबिक, परवीन की 80 फीसदी सम्पत्ति का इस्तेमाल एक ऐसे ट्रस्ट को बनाने में किया जाएगा, जिसके जरिए अभाव में रह रहीं महिलाओं और जूनागढ़ के बाबी कम्यूनिटी के बच्चों की मदद की जाएगी, जहां वह पैदा हुई थीं। परवीन बाबी का यह ट्रस्ट उनके 82 साल के चाचा मुराद खान बाबी चलाएंगे, जो कि उनके काफी करीब थे और जिन्हें परवीन की सम्पत्ति से 20 प्रतिशत हिस्सा मिला है। इसके अलावा परिवार के किसी और सदस्य को इस वसीयत में से कुछ भी नहीं मिला है। उनके ट्रस्ट फंड का 10 प्रतिशत हिस्सा अहमदाबाद के सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज को दिया जाएगा, जहां से परवीन ने मॉडलिंग में उतरने से पहले इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर की डिग्री हासिल की थी।