Tuesday, August 8th, 2017
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पीएम मोदी इजरायल की ‘ऐतिहासिक’ यात्रा के लिए रवाना, मेादी की इस यात्रा से बदल जाएगी विदेश नीति




Politics
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ऐतिहासिक इजराइल दौरे पर जा रहे हैं।  इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू खुद पीएम मोदी का स्वागत करेंगे। 70 साल में पहली बार कोई भारतीय पीएम इजराइल दौरे पर जा रहा है । दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों के 25 साल पूरे होने के बाद पीएम इजराइल दौरे पर जा रहे हैं।
इजराइल की यात्रा पर जाने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। ऐसे में पूरी दुनिया की नजरें इस दौरे के दौरान होने वाली द्विपक्षीय बातचीत और दोनों देशों के बीच होने वाले समझौतों रहेगी। अपने इस ऐतिहासिक दौरे के पहले पीएम मोदी और इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू  ने मिलकर एक ब्लॉग में दोनों देशों के लिए इस मुलाकात की भूमिका के महत्व को लिखा है। ब्लॉग में लिखा है कि आतंकवाद दोनों देशों के लिए चुनौती है।
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दोनों देशों के पीएम ने लिखा है कि इजरायल की ऐतिहासिक यात्रा आज से शुरू होगी। पीएम ने लिखा कि यह किसी भी भारतीय पीएम की पहली इजरायली यात्रा है। मैं और पीएम नेतन्याहू इससे पहले भी एक बार मिल चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है कि हम दोनों इजरायल में मिलेंगे। दोनों देशों के बीच के  कूटनीतिक रिश्तों के 25 साल पूरे होने के साथ दोनों देशों के बीच की दोस्ती लगातार और मजबूत होती गई है। इस दौरान आईटी, एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों में कई अहम समझौते हो सकते हैं। इसके अलावा भारत और इजरायल के बिजनेस समुदाय की मीटिंग भी होगी। वहीं पीएम मोदी ने कहा है कि आर्थिक रिश्ते मजबूत करना और लोगों से जुड़ना उनकी इजरायल यात्रा का अजेंडा होगा।
बता दें कि इससे पहले अप्रैल महीने में भारत ने मिसाइल सुरक्षा प्रणाली एमआरएसएएम (मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल) खरीदने के लिए इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) के साथ 1.6 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किया। ये प्रणाली हर तरह के हवाई खतरे से निपटने के लिए तैयार की गई है और इसमें लॉन्चर, मिसाइल, रडार प्रणाली तथा संचार और नियंत्रण प्रणाली मौजूद हैं। माना जा रहा है कि ये आईएआई के साथ अब तक का सबसे बड़ा समझौता है।
बता दें कि मोदी और नेतन्याहू इससे पहले भी विदेश में संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रमों से इतर दो बार मिल चुके हैं। बताया जाता है कि दोनों फोन पर बराबर संपर्क में रहे हैं। तेल अवीव विश्वविद्यालय में साइबर वीक 2017 सम्मेलन के दौरान नेतन्याहू ने कहा कि पहले यह बताने में नुकसान होता था कि आप इजराइल  से हैं लेकिन आज जब आप साइबर या आधुनिक प्रौद्योगिकी की बात करते हैं तो यह बताना फायदेमंद होता है कि हम एक इजराइली कंपनी हैं। अब पूरी दुनिया को इजराइल की जरूरत है। यही कारण है कि पूरा विश्व यहां आ रहा है।
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 मोदी पहले भी जा चुके  हैं इजराइल
नरेंद्र मोदी इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर 2006 में इजरायल जा चुके हैं. पार्टी के तौर पर बीजेपी हमेशा से इजरायल से बेहतर संबंधों की वकालत करती रही है. लेकिन भारत और इजरायल के रिश्ते अब तक फिलीस्तीन को ध्यान में रखकर बनाए गए है। इजरायल और फिलीस्तीन एक दूसरे के दुश्मन हैं। भारत फिलीस्तीन का समर्थन करता रहा है, इसीलिए भारत की कूटनीति दोनों देशों के बीच तालमेल बनाने की रही है। अब तक भारत से इजरायल जाने वाला कोई भी नेता साथ में फिलीस्तीन भी जाता था, लेकिन मोदी इस परंपरा को भी तोड़ेंगे।

यात्रा से ठीक पहले मोदी अपने फेसबुक पोस्ट में लिख चुके हैं, ‘मेरी इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से हमारी साझेदारी और आपसी हितों के विविध मुद्दों पर बातचीत होगी। हमारे पास हमारे साझा शत्रु आतंकवाद से लड़ने के उपायों पर भी चर्चा होगी। 1992 की औपचारिक संबंध बहाली के बाद 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच के रणनीतिक संबंधों के साथ भारत की विदेश नीति में आए बड़े बदलाव पर मुहर लगाने जा रही है।

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