मन की बात : पीएम मोदी ने बताया एग्जाम में स्कोर करने का मंत्र
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गणतंत्र दिवस के बाद पीएम मोदी ने पहली बार मन की बात की। मन की बात में पीएम मोदी ने सीमा के जवानों और एग्जाम देने वालों बच्चों को लेकर कुछ ख़ास बातें बताई। गौरतलब है कि कुछ ही महीनों बाद सभी स्कूल के बच्चों की फाइनल एग्जाम होने वाली है इसे लेकर कई बच्चों के घरों में प्रेशर का माहौल भी होगा। इसी माहौल में आप किस तरह अच्छा स्कोर कर सकते है यहीं पीएम मोदी ने अपनी मन की बात में बताया है। आइए आपको बताते है पीएम मोदी के मन की बात
बच्चों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जनवरी, फरवरी और मार्च महीना स्टूडेंट्स के साथ पैरेंट्स के लिए भी कठिनाई भरा होता है। हर घर में ऐसा ही होता है। एक बच्ची सृष्टि ने कहा- हमारे घरों में परीक्षा के समय खौफनाक माहौल बन जाता है। क्या खुशनुमा माहौल नहीं हो सकता?“
पीएम मोदी ने कहा कि “परीक्षा को त्योहार की तरह लेना चाहिए। जो प्लेजर मानेगा वो पाएगा, जो प्रेशर मानेगा वो पछताएगा। अगर आप खुशी से तैयारी करेंगे तो अपना बेस्ट दे पाएंगे।“ मैं सभी पेरेंट्स से चाहता हूं कि इन तीन महीने में एक उत्सव का माहौल बनाएं। स्माइल मोर-स्कोर मोर। खुश होकर पेपर दोगे तो आप ज्यादा मार्क्स पाओगे।“
कलाम से सीखें
“मेमोरी को रिकॉल करने की सबसे बड़ी दवा रिलेक्शेसन है। तनाव से याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है। कलाम से सीखें कि हार नहीं माननी है’’ मोदी ने कहा, “कभी-कभी लगता है कि हम प्रॉपर एग्जाम की कसौटियों को समझ नहीं पाते हैं। हमारे सामने कलाम जी का एक उदाहरण है। वे एयरफोर्स के एग्जाम में फेल हो गए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। क्या वे मजबूती नहीं दिखाते तो क्या हमें इतना महान राष्ट्रपति मिल पाता?“
अंकों के बोझ हमें सही दिशा में जाने से रोकता
ऋचा नाम की लड़की ने पूछा है- आजकल परीक्षाएं मार्क्स केंद्रित हो गई हैं। इस पर आपका क्या विचार है?“ इस पर पीएम मोदी ने कहा कि “अंकों के बोझ हमें सही दिशा में जाने से रोकता है। बारीकियों से जीवन में देखो कि अंक के चक्कर में कोई भी सीमित हो जाता है, लेकिन जब आप इससे हटकर सोचोगे तो आप के विषय से अलग भी कई चीजें सीख पाएंगे। ज्यादातर सफल खिलाड़ियों ने अनुस्पर्धा का रास्ता अपनाया है। सचिन तेंडुलकर ने बीस साल तक अपने ही रिकॉर्ड तोड़े। आप खुद को ही कसौटी पर कसो। प्रतिस्पर्धा से मनोबल गिरता है। लेकिन जब खुद को हराते हैं जो आत्मचिंतन का मौका मिलता है।“
नकल मत करना
“एक शख्स ने कहा- मैंने नकल की कोशिश की, इसलिए मेरा काफी समय बर्बाद हुआ। शार्टकट के चक्कर में आदमी नकल करता है। मेरा अनुरोध है कि नकल मत करना। ये जीवन को विफल करने की ओर आपको ले जाती है। एक बार इसकी आदत लग गई तो फिर आप कहां कुछ सीख पाओगे। कुछ लोग नकल के लिए इतनी क्रिएटिविटी करते हैं कि अगर वे इसे पढ़ाई या सीखने के लिए इस्तेमाल करते तो आराम से पास हो जाते।“
पढ़ाई के साथ ब्रेक भी जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि “अगर मैं आप लोगों से परीक्षा के समय खेलकूद की बात करूंगा तो सभी पेरेंट्स मुझसे नाराज हो जाएंगे। मैं मानता हूं कि अच्छी तरह आराम, पूरी नींद और एक्सरसाइज बच्चों के लिए जरूरी है। पढ़ाई के दौरान एक-दो घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लीजिए। डीप ब्रीथिंग कीजिए, इससे दिमाग फ्रेश होगा। मैं भी जब चुनाव में सभाएं करता हूं कि मेरी आवाज बैठ जाती है। एक डॉक्टर ने कहा कि आप पूरी नींद नहीं लेते, इसीलिए गला बैठ रहा है। प्रॉपर नींद का मतलब ये नहीं कि सोते रहें। पढ़ाई भी करनी है। मन और बुद्धि सचेत रखने के लिए खेलकूद जरूरी है। सभी बच्चों को परीक्षा के लिए मेरी शुभकामनाएं हैं।“
प्रेशर लेकर नहीं बल्कि प्लेजर से पढ़े
गणतंत्र दिवस और सीमा पर जवानों को लेकर भी पीमए मोदी ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि “हमने 26 जनवरी को उल्लास से गणतंत्र दिवस मनाया। ये लोगों को लोकतंत्र के प्रति जागरूक करता है। अगर हम अधिकारों की चिंता करते हैं तो कर्तव्य का भी ध्यान रखना चाहिए।“ बोर्ड एग्जाम्स की तैयारी कर रहे बच्चों से मोदी बोले- “प्रेशर लेकर नहीं बल्कि प्लेजर से पढ़े। इसी से कामयाबी मिलेगी। हम कलाम साहब, सचिन से सीख सकते हैं कि उन्होंने दूसरों से प्रतिस्पर्धा की बजाय खुद से स्पर्धा की और कामयाब हुए।“ क्या बोले मोदी…
मोदी ने कहा, “26 जनवरी को हमने गणतंत्र दिवस को उल्लास से मनाया। ये संस्कार उत्सव है। ये लोगों को लोकतंत्र के प्रति जागरूक करता है। लेकिन देश में नागरिकों के अधिकारों पर अभी भी व्यापक बहस नहीं हो रही। लेकिन अधिकार और कर्तव्य के बिना गाड़ी आगे नहीं सकती। 30 जनवरी को बापू की पुण्य तिथि है। कल 11 बजे 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहिए।“
मोदी ने कहा, “जिन वीरों को वीरता पुरस्कार मिला है। उनके साहस और वीरता की कहानियों के बारे में लिख कर इंटरनेट पर फैलाएं। हम जब रिपब्लिक डे मना रहे थे तब कुछ जवान जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।“
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