हिरासत में लिए गए सिसोदिया और कपिल मिश्रा को पुलिस ने किया रिहा
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पुलिस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा को छोड़ दिया है। सिसोदिया और मिश्रा को पुलिस ने नोटबंदी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने के मामले में हिरासत में लिया था। इसके साथ ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर बढ़ने से भी रोक दिया है। बता दें कि आम आदमी पार्टी संसद तक मार्च कर रही थी और इस मार्च की अगुवाई सिसोदिया कर रहे थे। मार्च की शुरुआत करने से पहले ही सिसोदिया ने कहा था कि, ”हमें अपनी आवाज संसद के अंदर बैठे लोगों तक पहुंचानी है, इसलिए संसद का घेराव किया जा रहा है। हमें पता है कि हमारी आवाज दबाने की कोशिश की जाएगी लेकिन हम पूरा प्रयास करेंगे।”
मार्च के लिए विपक्ष सुबह से ही था तैयार
सुबह से ही आप पार्टी के तमाम विधायक, नेता व कार्यकर्ताओं इस मार्च में शामिल होने के लिए आ गए थे। इससे पहले सोशल साइट्स पर पार्टी के सभी छोटे बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जनता से समर्थन की मांग करते हुए भारी संख्या में जंतर मंतर पहुंचने की अपील की थी। लगभग हर विधानसभा क्षेत्रों से लोगों को इस मार्च के लिए लाया गया था।
इस मामले पर ‘आप’ का क्या कहना है?
इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि नोटबंदी की आड़ में देश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला किया गया है। यह 8 लाख करोड़ रुपये का घोटाला है। अब तक जनता 5 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा करा चुकी है और वहीं सरकार अपने करीबियों का हजारों करोड़ रुपये का लोन माफ करने में जुट गई है। इतना ही नहीं पार्टी नेताओं का कहना है कि हमें पता है मोदी जी कि पुलिस हमारी आवाज दबाएगी, लेकिन हम भी गरीब जनता की आवाज को संसद के अंदर बैठे लोगों तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे। बता दें कि आप विधायक और कार्यकर्ता मोदी सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी कर रहे थे।
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