नोटबंदी के बाद से देश डिजिटल होने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। इस नोटबंदी के बाद से घर चलाने और वित्तिय मुद्दों को निपटाने के लिए जनता के पास एटीएम और मोबाइल वॉलेट जैसे ऑप्शन मौजूद थे। इस दौर में एटीएम ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्योकि देश की अधिकतर जनता के पास सिर्फ एटीएम ही थे ना कि मोबाइल वॉलेट।
लेकिन अब देश की इसी जनता के लिए एक बुरी ख़बर भी है। केंद्र सरकार के थिंक टैंक यानि नीति आयोग का कहना है कि देश के सभी एटीएम कार्ड और पीओएस तीन साल बाद बेकार हो जाएंगे। नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन में काफी इजाफा देखने को मिला है लेकिन इसी बीच नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक चौकाने वाली बात कही है।
कांत ने एटीएम कार्ड्स और पीओएस टर्मिनल्स का इस्तेमाल, 2020 तक बेकार हो जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत में 2020 तक पीओएस और एटीएम कार्ड्स का इस्तेमाल बेकार हो जाएगा, लेकिन कांत ने इसकी वजह बताने की कोशिश भी की। उन्होंने आगे कहा कि आज देश में ज्यादातर लोग, लेनदन पूरा करने के लिए अपने अंगूठे का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में डिजिटल लेनदेन की टेक्नॉलोजी में भी विकास होने जा रहा है।
अमिताभ कांत ने आगे कहा कि भारत ने बायोमेट्रिक सिस्टम तकनीक बना ली है। उन्होंने हाल ही में लाई गई भीम ऐप और आधार पेमेंट
सिस्टम डेवलप करने का उदाहरण दिया। अमिताभ कांत 7 जनवरी 2017 को यूथ प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करने गए थे जहां पर उन्होंने यह बाते कही। वहीं उन्होंने आगे कहा कि देशभर में एक बिलियन मोबाइल यूजर्स हैं और उतने ही बायोमेट्रिक। भारत कैश पर आधारित एक बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसी बीच देश में सिर्फ 2 से 2.5 भारतीय ही टैक्स देते हैं। ऐसे में भारत के इन-फॉर्मल सेक्टर को फॉर्मल बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
कांत ने यह भी कहा कि भारत का ऐसी स्थिति में 10 ट्रिलिन की अर्थव्यवस्था बनना मुश्किल है इसलिए इन-फॉर्मल सेक्टर को फॉर्मल बनाना जरूरी है। इसके अलावा आखिर में कांत ने स्टार्टअप के लिए युवाओं को प्ररित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने अंदर पैशन होना चाहिए ताकी वह नए स्टार्टअप-इनोवेशन करें। उन्होंने कहा कि आने वाले ढाई सालों में कार्ड्स का इस्तेमाल गैर-जरूरी हो जाएगा।