प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना : बजट 1000 करोड़, खर्च मात्र 155 करोड़
सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए बहुत धूमधाम के साथ शुरु की गयी महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना में पिछले वित्त वर्ष के दौरान आवंटित कुल राशि का 20 प्रतिशत से भी कम रकम खर्च की जा सकी है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबद्ध एक संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के लिए प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था जिसे संशाेधित अनुमान में घटाकर 200 करोड़ रुपए कर दिया गया। हालांकि 31 दिसंबर 2016 तक इस राशि में से केवल 154.98 करोड़ रुपए ही खर्च किए जा सके।
दोहरा लाभ वाली योजना कहा गया था
प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना ( PMRPY) नियोक्ताओं को प्रोत्साहित एवं नए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु विकसित की गयी है, जिसमें भारत सरकार नये रोजगार के लिए नियोक्ता को ईपीएफ अंशदान का 8.33% भुगतान करेगी। इस योजना को दोहरा लाभ वाली योजना कहा गया था जहां, एक तरफ नियोक्ता को प्रतिष्ठान में श्रमिकों के रोजगार का आधार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित जाना , और वहीं दूसरी तरफ, श्रमिकों को एक बड़ी संख्या में ऐसे प्रतिष्ठानों में रोजगार मिलने के अलावा एक प्रत्यक्ष लाभ यह भी माना गया था कि इन कर्मचारियों को संगठित क्षेत्र की सामाजिक सुरक्षा के लाभ उपलब्ध होंगे।
ये है योजना की पात्रता शर्त
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पंजीकृत सभी प्रतिष्ठान इस योजना के अधीन लाभ प्राप्त करने के लिए निम्न शर्तों के तहत आवेदन कर सकते हैं –
EPFO में रजिस्ट्रेशन तथा LIN होनी चाहिए
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पंजीकृत प्रतिष्ठानों के पास एक श्रम पहचान संख्या (LIN) भी होनी चाहिए, जो उन्हें श्रम सुविधा पोर्टल https://shramsuvidha.gov.in के अंतर्गत आवंटित की गई है। यह LIN PMRPY योजना के तहत किए जाने वाले सभी पत्र-व्यवहार के लिए मुख्य संदर्भ संख्या होगी।
EPFO के पास 3.67% EPF व 8.33% EPS जमा होना जरुरी
पात्र नियोक्ता को इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए नए कर्मचारियों को श्रमिक संदर्भ आधार में अगस्त 2016 के बाद से ही जोड़ा जाना आवश्यक है। श्रमिकों का संदर्भ आधार उन कर्मचारियों की संख्या द्वारा निर्धारित होगा, जिनके लिए नियोक्ता ने 31 मार्च 2016 तक EPFO के पास 12% (3.67% EPF + 8.33% EPS) जमा किया है, जो मार्च 2016 के मासिक ECR से अभिनिश्चित / सत्यापित हुआ है। उदाहरण के लिए, माना कि एक प्रतिष्ठान मैसर्स एबीसी लिमिटेड ने 45 कर्मचारियों / श्रमिकों के लिए नियोक्ता ने योगदान के लिए मार्च 2016 में एक ECR दायर किया। अप्रैल 2016 के महीने में, प्रतिष्ठान ने 15 नए श्रमिकों को और जोङा जिससे कर्मचारियों की कुल संख्या 60 हो गयी। नियोक्ता अब इन 15 नए कर्मचारियों के लिए ही PMRPY योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन करने का पात्र होगा। अगर किसी क्रमिक महीने में कोई नया रोजगार या कहें कि श्रमिक संदर्भ आधार नही है तो नियोक्ता PMRPY लाभ लेने के लिए पात्र नहीं होगा। उपरोक्त पैरा 5 (ई) में उल्लेखानुसार नया कर्मचारी वह है, जिसनें किसी भी EPF पंजीकृत प्रतिष्ठान में काम नहीं किया है या जिसके पास पूर्व में, अर्थात 01 अप्रैल 2016 से पहले एक यूनिवर्सल खाता संख्या नहीं थी। 01 अप्रैल 2016 के बाद अस्तित्व में आये / EPFO में पंजीकृत नए प्रतिष्ठानों हेतु संदर्भ आधार शून्य / शून्य कर्मचारियों के रूप में लिया जाएगा। इस प्रकार, नियोक्ता सभी नए पात्र कर्मचारियों के लिए PMRPY का लाभ ले सकते हैं।
15,000 रुपये प्रति माह से कम कमाई करने वाले कर्मचारियों हेतु लक्षित
PMRY योजना 15,000 रुपये प्रति माह से कम कमाई करने वाले कर्मचारियों हेतु लक्षित है। अतः 15,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा कमाई करने वाले कर्मचारी पात्र नही है। एक नया कर्मचारी वह है जो 01 अप्रैल 2016 से पहले नियमित आधार पर एक EPF पंजीकृत प्रतिष्ठान में काम नही कर रहा है और उसकी पहचान 01 अप्रैल 2016 के बाद आधार वरीयता प्राप्त यूनिवर्सल खाता संख्या (UAN) के आवंटन से होगी। यदि नए कर्मचारी के पास एक नया UAN नही है तो नियोक्ता EPF पोर्टल के माध्यम से यह सुविधा प्रदान करेगा।
8.33% योगदान भारत सरकार द्वारा
नियोक्ता इन नए कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा प्रदत्त 8.33% योगदान अगले 3 साल के लिए प्राप्त करते रहेंगे, बशर्ते, वे उसी नियोक्ता द्वारा दिए गए रोजगार में रहते है। 8.33% योगदान भारत सरकार द्वारा, नियोक्ता के प्रत्येक माह इन नए कर्मचारियों के लिए 3.67% ईपीएफ अंशदान प्रेषित करने के उपरान्त दिया जाएगा। EPF / EPS योगदान पर किसी भी तरह के जुर्माने से बचने के लिए नियोक्ताओं को चेतावनी दी गई थी कि वें जितना जल्दी हो सके, प्रथमिकता के आधार पर अगले महीने की 10 तारीख तक PMRPY ऑनलाइन फार्म जमा कर दे।
नियोक्ता बकाया राशि और जुर्माने के लिए उत्तरदायी
योजना के लिए आवेदन करने वाले नियोक्ता / प्रतिष्ठान अपलोड की गई जानकारी के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। यदि किसी भी समय, यह पाया जाता है कि प्रस्तुत जानकारी गलत है या झूठी है, तब यह मान लिया जाएगा कि EPS भुगतान (और कपड़ा क्षेत्र के लिए EPF भुगतान) इन कर्मचारियों के लिए नहीं किया गया है। तब नियोक्ता बकाया राशि और जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत पहले से निर्दिष्ट है।
पात्र कर्मचारी 2019-20 तक कव्हर
यह योजना 3 साल की अवधि के लिए जारी रहेगी और भारत सरकार अगले 3 साल के लिए नियोक्ता द्वारा किए जाने के लिए 8.33% ईपीएस अंशदान का भुगतान करती रहेगी। यानी कि सभी नए पात्र कर्मचारी 2019-20 तक PMRPY योजना के तहत कव्हर होंगे।
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