GDP ग्रोथ के साथ ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस भी बढ़ना चाहिए – राष्ट्रपति
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) में सुधार होना मात्र ही अहम बात नहीं है अौर समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता (Gross National Happiness), दाेनों को ही ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने बेंगलुरु में डॉ बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ़ इकानामिक्स की आधारशिला रखने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि GDP सही पैमाना है लेकिन उस अाम आदमी के जीवन स्तर के बारे में क्या पैमाना है, जो बहुत ही विषम हालातों में रहते हैं। इसे देखते हुए सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता (नेशनल हैप्पीनेस) भी एक मानक होना चाहिए।
उन्होेने इस बात पर जोर दिया कि भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने की आवश्यकता है लेकिन आर्थिक मानकों में नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर खुशी के पैमाने पर भी यह दिखनी चाहिए। श्री मुखर्जी ने कहा “हम विश्व में अग्रणी आर्थिक महाशक्तियों में शुमार हाेने की अाकांक्षा रखते हैं. हां, हम यह बन सकते हैं, लेकिन मात्र आंकड़ों के आधार पर या काैशल विकास के आधार पर नहीें।’’ उन्होंने आगे कहा कि अब यह विचार बदल चुका है और वर्ल्ड बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसी संस्थाएं भी विकास के मानकों में GDP के साथ-साथ प्रसन्नता के सूचकांक (हैप्पीनेस इंडेक्स) को शामिल कर रही हैं।
एबिलिटी टू गेन एम्प्लॉयमेंट, ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अकॉर्डिंग नहीं
देश के युवा वर्ग में बेराेजगारी की विकरालता पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 60 करोड़ युवा राेजगार के बाजार में दाखिल हो रहे हैं लेकिन रोजगार के अवसर सीमित हैं। युवा वर्ग शिक्षित है, मगर रोजगार हासिल नहीं कर पा रहे हैं और उनकी रोजगार हासिल करने की क्षमता ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप नहीं हैं। स्किल डेवलॅपमेंट इतना आकर्षक नहीे हो सकता है लेकिन भारत के मामले में यह काफी महत्व रखता है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा तथा प्रशिक्षण में अंतर्राष्ट्रीय मानकाें को बनाए रखना बहुत जरूरी है ताकि भारतीय युवा रोजगार हासिल करने में सक्षम बन सकें.
उन्होंने कहा कि IIT के स्टूडेंट्स का 100% कैंपस प्लेसमेंट हो जाता है और इन संस्थानों केे पढ़े लिखे स्टूडेंट्स विश्व की अनेक MNC में काम कर रहे हैं। डॉ. अंबेडकर संस्थान भी स्थानीय स्तर का होने के बजाए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होगा।
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