राष्ट्रपति ने विवादों में घिरे इस राज्यपाल का इस्तीफ़ा किया मंजूर
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यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद विवादों में आए मेघालय के राज्यपाल वी षणमुगनाथन को राष्ट्रपति की ओर से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके इस्तीफ़े को मंजूर कर लिया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
ग़ौरतलब है कि राजभवन स्टाफ ने षणमुगनाथन के ख़िलाफ़ कई गंभीर आरोप लगाए थे। षणमुगनाथन पर आरोप था कि उन्होंने राजभवन की गरिमा के साथ समझौता कर इसे ‘यंग लेडीज क्लब’ बना दिया। हालांकि राज्यपाल ने इन सभी आरोपों को ग़लत करार दिया था। लेकिन इसके बावजूद गुरुवार को उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। बता दें कि मेघालय के साथ ही षणमुगनाथन पर अरुणाचल प्रदेश की भी जिम्मेदारी थी।
राजभवन स्टाफ ने लिखी थी राष्ट्रपति को चिट्ठी
सूत्रों के मुताबिक राजभवन के तकरीबन 98 कर्मचारियों ने राष्ट्रपति को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी के जि़रए सभी ने मांग की थी कि षणमुगनाथन को राज्यपाल के पद से तुरन्त हटा दिया जाए। चिट्ठी में कर्मचारियों ने लिखा था कि, ”वह (षणमुगनाथन) राजभवन की गरिमा से समझौता कर इसे ‘यंग लेडीज क्लब’ बना रहे हैं। ये ऐसी जगह बन गई है, जहां कई महिलाएं गवर्नर का ऑर्डर लेकर आती-जाती रहती हैं। कई की पहुंच तो उनके बेडरूम तक है।”
लेटर में स्टाफ ने आगे लिखा, ”हम आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री गवर्नर के ख़िलाफ़ एक्शन लेते हुए उन्हें हटाएंगे और राजभवन की गरिमा को बरकरार रखेंगे।” स्टाफ का आरोप था कि गवर्नर ने दो पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, एक कुक और एक नर्स की भर्ती की है, जिन्हें नाइट ड्यूटी में लगाया है, वे सभी महिलाएं हैं। वहीं वे सभी पुरुष प्राइवेट सेक्रेटरी को सेक्रेटेरियट में शिफ्ट कर चुके हैं। बता दें कि 11 प्वाइंट और 5 पेज के इस लेटर की एक-एक कॉपी पीएमओ, राष्ट्रपति भवन, मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को भी भेजी गई थी।
षणमुगनाथन के बाद अब कौन संभालेगा राज्यपाल का पद?
मेघालय में षणमुगनाथन की जगह बनवारी लाल पुरोहित लेंगे। वहीं अरुणाचल प्रदेश में बालकृष्ण आचार्य पद संभालेंगे। बता दें कि बालकृष्णआचार्य नागालैंड के राज्यपाल हैं। बताया जा रहा है कि पुरोहित और आचार्य यह कार्यभार तब तक संभालेंगे जब तक इन दोनों राज्यों में नये राज्यपाल की नियुक्ति नहीं हो जाती।
मणिपुर के भी गवर्नर रह चुके हैं षणमुगनाथन
68 साल के षणमुगनाथन ने 20 मई 2015 को बतौर मेघायल के राज्यपाल का चार्ज संभाला था। जेपी राजखोवा को हटाए जाने के बाद उन्हें अरुणाचल की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। षणमुखनाथन सितंबर, 2015 से अगस्त, 2016 तक मणिपुर के भी गवर्नर रह चुके हैं। बता दें कि षणमुखनाथन तमिलनाडु के सीनियर आरएसएस नेता हैं।
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