चारपाई पर बैठकर राहुल गांधी करेंगे चुनाव का प्रचार
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज यानी मंगलवार से 25 दिनों के लिए चुनाव अभियान पर रहेंगे। राहुल का ये अभियान यूपी के पूर्वी ज़िले देवरिया से शुरू होगा और दिल्ली में जाकर खत्म होगा। राहुल इस यात्रा में किसानों से सीधे तौर पर बात करेंगे। खास बात तो ये है कि राहुल किसानों को कर्ज़ से माफ़ी का आश्वासन पत्र देने के लिए चारपाई पर बैठेंगे। राहुल के साथ इस यात्रा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक पूरी टोली होगी। इस टोली के पास पीले रंग का एक बैग होगा जिसमें किसान मांग पत्र, एक मोबाइल स्टिकर और एक दीवार पर लगने वाला स्टिकर होगा।
पचास हजार किसानों से मिलेंगे राहुल
नौ अक्टूबर तक चलने वाली इस यात्रा में राहुल क़रीब पचास हज़ार किसानों से सीधे मुलाकात करेंगे। सूत्रों के अनुसार राहुल इस यात्रा के दौरान किसानों के घर जाएंगे, और यूपीए सरकार में हुए कर्ज़ माफ़ी के फ़ैसले के बारे में बताएंगे। साथ ही वे किसानों को बिजली बिल को आधा करने का वादा भी कर सकते है।
आखिर इस यात्रा को ‘किसान यात्रा’ बनाने का मकसद क्या है ?
बता दें कि अखिलेश सिंह कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता है और जिस क्षेत्र से यात्रा शुरू हो रही है, ये उन्हीं का क्षेत्र है। अखिलेश सिंह कहते है कि केंद्र में जिस तरह से किसानों की उपेक्षा हो रही है उससे किसान ख़ुद को असहाय महसुस कर रहे हैं। जबकि किसान ही देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अखिलेश ने आगे कहा कि राहुल अक़्सर किसानों की परेशानियों को उठाते रहते है। उनके हित में काम करते है। इसीलिए इस यात्रा को किसान यात्रा का नाम दिया गया है।
बता दें कि अब तक यूपी में सभी राजनीतिक दल सामजिक समीकरणों के आधार पर मतदाताओं को आकर्षित करने में लगे हुए है। लेकिन राहुल का मतदाताओं को रिझाने का तरीका सभी पार्टियों से अलग है वहीं एक उनका नया तरीका भी हैं। उन्होंने ऐसा क्षेत्र भी चुना है जहां ज्यादातर किसान है। राहुल की इस यात्रा का किसान मतदाताओं पर कितना असर पड़ेगा ये तो अभी नहीं कहा जा सकता लेकिन हां इसका फायदा राहुल को अगले साल यूपी में होने वाले चुनाव में जरूर देखने को मिलेगा।
राहुल की इस यात्रा पर जानकारों का कहना है कि चुनावी फायदा तो अपनी जगह है, लेकिन इस अभियान के ज़रिए राहुल और उनकी पार्टी क़रीब दो करोड़ किसानों से सीधा संपर्क करने वाले है। अब इसमें देखना ये है कि संपर्क में आने वाले कितने किसान राहुल के वादों से प्रभावित होते है। लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र के अनुसार किसान सभी जातीय और धार्मिक वर्गों से है और सभी की समस्याएं भी एक जैसी ही होती है। गौरतलब है कि 2009 में यूपीए सरकार को किसानो की कर्ज़ माफ़ी और मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ मिल चुका है। ऐसे में चुनावी फायदा न हो ये सोचना तो बेमानी होगी।
राहुल गांधी का है ये तीसरा विधानसभा चुनाव
बता दें कि इससे पहले राहुल 2007 और 2012 के चुनाव प्रचार कर चुके हैं। इस बार राहुल ने वहीं रणनीति अपनाई है जो सोनिया गांधी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में अपनाई थी। सोनिया ने तत्कालीन वाजपेयी सरकार के खिलाफ पश्चिमी यूपी में किसान विरोधी नीतियों को उजागर किया था। और इसका नतीज़ा ये हुआ था कि उनकी सरकार सत्ता में आई थी।