राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अब तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे.जयललिता के नक्शे कदम पर चलती हुई नज़र आ रही हैं। दरअसल, जयललिता की ही तरह वसुंधरा ने भी अपने राज्य में लोगों को सस्ता लेकिन पौष्टिक खाना मुहैया कराने के लिए एक योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत लोगों को महज़ 5 रुपए में नास्ता और 8 रुपए में भरपेट खाना मिलेगा। इस योजना को ‘अन्नपूर्णा रसोई’ नाम दिया गया है।
इस योजना के तहत ऐसे होगा काम
योजना के मुताबिक, सुबह आठ से 10.30 तक नाश्ता, 11.30 से 2.30 तक लंच और शाम सात बजे से रात 8.30 तक डिनर का समय होगा। खाना रेडी टू ईट के पैकेट में होगा। जिसमें दाल-चावल से लेकर बिरयानी, इडली सांभर, उपमा, खिचड़ी और रोटी तक को शामिल किया गया है।
इसके अलावा अन्नपूर्णा रसोई का ज़ोर राजस्थानी व्यंजन पर भी है। इनमें दाल बाटी, बाजरे की रोटी और मक्के की खिचड़ी जैसे आइटम को शामिल किया गया है। इसको चलाने की जिम्मेदारी शहरी विकास मंत्रालय को दी गई है। वहीं खाना बांटने की जिम्मेदारी जीवन संबल ट्रस्ट की होगी।
कहां से होगी इस योजना की शुरुआत
पहले चरण में इस योजना को झालावाड़ ,जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, भरतपुर, बारां, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और झालावाड़-झालरापाटन में लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत मजदूरों, रिक्शा चालकों, कर्मचारियों, छात्रों, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों और जरूरतमंद लोगों को खाना उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन धीरे-धीरे इस योजना को आम आदमी के लिए भी खोल दिया जाएगा।
वसुंधरा के सामने होगी बड़ी चुनौती
बता दें कि इस भोजन का ज्यादातर खर्च सरकार उठाएगी। शुरुआत में इसका खर्च 4 करोड़ रुपये आएगा। जब ये स्कीम पूरह तरह लागू हो जाएगी और 200 से अधिक रसोइयां क्रियान्वित हो जाएंगी तो सरकार पर करीब 50 करोड़ रुपये सालाना का भार आएगा।
ऐसे में वसुंधरा सरकार पर कम बजट में बेहतर खाना उपलब्ध करना एक बड़ी चुनौती होगी।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
वसुंधरा सरकार के इस कदम को कांग्रेस ने चुनावी चाल बताया है। इस मसले पर कांग्रेस का कहना है कि दो साल से जो पेट पर लात मार रहे थे अब वहीं पेट भरने चले हैं। बता दें कि महज दो साल बाद राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने है।