राजस्थान में आपदा प्रबंधन के लिए माकुल प्रबंधन
गृह मंत्री श्री गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों से आपदा प्रबंधन के माकूल इन्तजामों को सुनिश्चित किया है। फलस्वरूप पिछले मानसून में बाढ़ में फंसे 97 लोगों को एयर लिफ्ट करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित बाहर निकालना संभव हो पाया है। श्री कटारिया ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण सम्मेलन के दूसरे दिन बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल को बचाने के लिए बहुत संवदेनशील है और राज्य में आपदाओं से निपटने के लिए पूर्व तैयारियों तथा आम लोगों को बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक करने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में आपदा प्रबंधन की रणनीति में परिवर्तन किया गया है।
विशेषकर पश्चिमी राजस्थान के कवास में आई बाढ़ की घटना से सबक लेते हुए राज्य के सभी सातों संभागीय मुख्यालय पर आपदा प्रबंधन राहत फोर्स (एस.डी.आर.एफ.) के साथ ही सेना की मदद से हेलिकॉप्टर तैनात किया गये हैं, ताकि बाढ़ अतिवृष्टि आदि की सूचना मिलते ही तत्काल राहत दल मौके पर पहुंच कर लोगों का जीवन खतरे से बचा सकें। राज्य में यह प्रयास पिछले दो वर्षों से किया जा रहा है और अगले मानसून के वक्त भी ऎसे प्रबंध रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा राहत फोर्स (एन.डी.आर.एफ.) की सराहनीय मदद भी पिछले मानसून में हुई अतिवृष्टि में मिली थी। श्री कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए बताये गये दस सूत्रों को राज्य में अमल से लाया जायेगा। सम्मेलन में राजस्थान के करीब 40 प्रतिनिधियों का दल भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में गृह मंत्री श्री कटारिया के साथ राज्य के मुख्य सचिव श्री ओ.पी. मीणा, राज्य के प्रमुख आपदा सचिव श्री दीपक उत्प्रेती, आपदा प्रबंधन आयुक्त श्री रोहित कुमार, पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, राज्य के ग्यारह जिला प्रमुख, दो महापौर सहित अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधिगण भाग ले रहे हैं।