देश में अभी हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भाजापा के सपोर्ट से, सबसे सरल जीत हांसिल कर राष्ट्रपति बने रामनाथ कोविंद के नाम एक रिकार्ड और जुड़ गया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 1974 से अभी तक हुए सभी राष्ट्रपति चुनावों में से सबसे कम वोट पाने वाले राष्ट्रपति बने हैं कोविंद।
नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के सपोर्ट से रामनाथ कोविंद बिना किसी प्रतियोगिता के राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए। उनकी प्रतिद्वंदी रही मीरा कुमार को तो पहले से ही हारा हुआ मान कर कोविंद की जीत तय मानी जा रही थी और रामनाथ कोविंद जीत भी गए और अब वो राष्ट्रपति की शपथ ले कर रायसीना हिल्स की तरफ रुख करेंगे। लेकिन अगर चुनाव में मिले वोटों के आंकड़े देखे जाए तो ये साबित होता है कि उन्हें अब तक के सबसे कम वोट मिले हैं। इस चुनाव में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई फिर भी कम वोट मिले कोविंद को।
आंकड़ो के हिसाब से, कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव में कुल 10,90,300 में से 7,02,044 मत प्राप्त किये, तो वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मीरा कुमार को 3,67,314 मिले। इस हिसाब से निर्वाचित उम्मीदवार को 65.65 प्रतिशत मत मिले। हालांकि, जीत का अंतर वर्ष 1974 की तुलना में सबसे कम है।
अगर हम बात करें पूर्व राष्ट्रपतियों को मिले वोट के आंकड़ों की तो डॉ। राजेंद्र प्रसाद को वर्ष 1957 में 98.99 और सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1962) को 98.24 फीसदी वोट मिले थे। राष्ट्रपति चुनाव में अभी तक सिर्फ 1977 में एक ऐसा मौका आया था जब नीलम संजीव रेड्डी को शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्विरोध चुना गया।
के आर नारायणन को 1997 के चुनाव में 94. 97 प्रतिशत वोट मिले थे। और ए पी जे अब्दुल कलाम 2002 में 89. 57 प्रतिशत वोट मिले। ज्ञानी जैल सिंह (1982) को 72.73, आर वेंकटरमण (1987) को 72. 28 और शंकर दयाल शर्मा (1992) को 65. 87 प्रतिशत वोट मिले थे। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार प्रणब मुखर्जी को साल 2012 में हुए चुनाव में 69. 31 फीसदी वोट मिले थे। साल 2007 में प्रतिभा पाटिल को 65. 82 प्रतिशत मिले थे, जो कोविंद की तुलना में कुछ ही ज्यादा हैं।