शादीशुदा लाइफ के पंगे हो या ‘मर्दानी’ सबकुछ बताती है रानी मुखर्जी की फिल्में
आगे का कुछ भी पढ़ने से पहले आप जरा आपकी लाइफ के फ्लैशबैक में जाइए। जरा याद कीजिए आज तक आपने कितनी बॉलीवुड की फिल्में देखी हैं। शायद आपको याद नहीं होगा लेकिन आपने लगभग 100 से ज़्यादा फिल्मे तो देखी ही होगी। अब इन फिल्म की कहानी को जरा रिवाइंड कीजिए और बताइए कि इन सबमें कॉमन क्या होता है।
आपका जवाब शायद यही होगा कि वही दोस्ती, प्यार, शादी, विलेन, मारपीट और मां की ममता बाप का दुलार इत्यादि-इत्यादि। आमतौर पर हर फिल्म की स्टोरी इसी तरह की चीज़ों को मिलाकर बनाई जाती है। मैने भी आपकी तरह ऐसी ही कुछ बहुत सारी फिल्में देखी है जिनमें इसी तरह की स्टोरी होती है लेकिन एक फिल्म ऐसी भी देखी जो इन सबसे हटकर थी।
आमतौर पर फिल्मों हीरो-हीरोईन का प्यार और विलेन के साथ फाइट ही दिखाई जाती है लेकिन सालों पहले एक ऐसी फिल्म भी रिलीज हुई थी जिसने ये बताया था कि हीरोईन और हीरो की शादी के बाद कितने पंगे होते है। दरअसल हमें फिल्मों में एक लुभावनी दुनिया तो दिखाई जाती है लेकिन असली जंग तो दोनों की शादी के बाद शुरू होती है।
शादी के बाद की असलियत दिखाती इस फिल्म का नाम था ‘चलते-चलते’ और इस फिल्म की हीरोइन थी रानी मुखर्जी जिनका आज बर्थडे है। मखमली आवाज और रौबदार किरदार वाली रानी मुखर्जी ने अपने करियर में कई अलग-अलग तरह की मूवी की है उन्होंने हीरोइन के रूप में हीरो के किरदार भी निभाए और अपने अकेले के दम पर मूवी को हिट कराया।
बॉलीवुड की संजीदा एक्टेस रानी मुखर्जी का जन्म 21 मार्च 1978 को मुंबई में हुआ था इनके पिता राम मुखर्जी एक फिल्म मेकर थे और मां कृष्णा मुखर्जी एक प्लेबैक सिंगर थे। इनकी पृष्ठभूमि फिल्मी ही रही और इनके कई जानने वाले आज फिल्म इंडस्टी में एक अच्छे मुकाम पर है।
रानी मुखर्जी ने अपना फिल्मी करियर 1996 में अपने पिता की बंगाली फिल्म ‘बियेर फूल’ में सपोर्टिंग एक्टर के रोल से शुरू किया था। हालांकि इससे पहले भी उन्हें फिन्म का ऑफर मिला था लेकिन उनके पिता ने मना कर दिया था। साल 1994 में रानी मुखर्जी को उनके पिता के मित्र सलीम अख्तर ने ‘आ गले लग जा’ के लिए रोल दिया था जिसे बाद में उर्मिला मांतोड़कर ने किया था।
रानी मुखर्जी ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरूआत ‘राजा की आएगी बारात’ से की थी। एक अलग विषय पर बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तो कोई कमाल नहीं दिखाया लेकिन रानी मुखर्जी इस फिल्म से सभी को भा गई। वर्ष 1998 रानी मुखर्जी के करियर के लिये महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उन्हें आमिर खान के साथ गुलाम और शाहरूख खान के साथ कुछ कुछ होता है में काम करने का अवसर मिला। दोनो हीं फिल्में टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। कुछ कुछ होता है के लिये रानी मुखर्जी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया।
वर्ष 1999 से लेकर वर्ष 2002 तक का वर्ष रानी मुखर्जी के करियर के लिये बुरा वक्त साबित हुआ। इस दौरान रानी मुखर्जी की ‘हेलो बद्रर’,‘बादल’,‘हर दिल जो प्यार करेगा’,‘हद कर दी आपने’,‘बिच्छू’,‘कहीं प्यार ना हो जाये’,‘चोरी चोरी चुपके चुपके’,‘बस इतना सा ख्वाब है’,‘प्यार दीवाना होता है’,‘मुझसे दोस्ती करोगे’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी लेकिन इन फिल्मों को टिकट खिड़की पर अपेक्षित सफलता नही मिल सकी।
वर्ष 2002 में प्रदर्शित यश राज बैनर तले बनी फिल्म ‘साथियां’ रानी मुखर्जी के करियर की हिट फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में रानी मुखर्जी की जोड़ी विवेक ओबेराय के साथ काफी पसंद की गयी। वर्ष 2003 में प्रदर्शित फिल्म ‘चलते चलते’ में रानी मुखर्जी को एक बार फिर से किंग खान शाहरुख खान के साथ काम करने का अवसर मिला। यह फिल्म भी सुपरहिट साबित हुयी। नेक्स्ट पेज पर पढ़ें पूरा आर्टिकल
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