RSS अपने 56 अनुषांगिक संगठनों के साथ मिल कर अगले माह से देशभर में चीन निर्मित वस्तुओं के बहिष्कार का एक व्यापक अभियान शुरू करेगा और घर-घर जाकर चीनी सामान खरीदने के दुष्परिणामों काे लेकर लोगों को जागरूक करेगा। सूत्रों ने बताया कि संघ के हाल ही में जम्मू में हुए प्रचारक सम्मेलन में इस अाशय का एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। प्रस्ताव के अनुसार 1 अगस्त से 15 अगस्त तक संघ एवं उसके सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि चीन ने भारत को ‘कचराघर’ समझ लिया है और उसके घटिया उत्पाद देश की अर्थव्यवस्था को किस तरह से नुकसान पहुंचा रहे और उसकी सेना भारत पर बुरी नज़र भी रखे हुए है।
चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के आंदोलन की रूपरेखा तैयार
संघ के संगठन की दृष्टि से देश के सभी 40 प्रांतों में स्वदेशी जागरण मंच के संगठकों ने 3 माह पहले ही दौरा किया है और चीनी सामान खरीदने के विरुद्ध 1 करोड़ से अधिक लोगों के हस्ताक्षर कराए जा चुके हैं। संघ की 51,688 शाखाओं एवं 13,432 साप्ताहिक मिलन बैठकों के माध्यम से इस अभियान को धार लगाई जा रही है। संघ के अनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने गत वर्ष नवंबर में गुवाहाटी में हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ही चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली थी और उस पर बहुत खामोशी से असरदार तरीके से अमल शुरू कर दिया है। मंच के शीर्ष पदाधिकारियों के अनुसार केन्द्र की मोदी सरकार पर भी इस आंदोलन का भारी दबाव है।
एक विशाल रैली भी आयोजित करेगा
स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख डाॅ. निरंजन सिंह ने यूनीवार्ता से हुई बातचीत में बताया कि उनका संगठन देशभर के सभी जिला मुख्यालयों पर चीनी सामान के आयात पर रोक लगाने की मांग को लेकर जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपने का भी अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके अलावा संघ के सहयोग से हर जिले एवं शहर में व्यापारियों के संगठनों एवं बौद्धिक वर्ग के साथ जिला सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उन्हें चीनी सामान खरीदने के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जाएगा। डॉ. सिंह ने बताया कि 5 एवं 6 अगस्त को दिल्ली में मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसमें देश भर से इस बारे में रिपोर्टें आ जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि स्वदेशी जागरण मंच अक्टूबर के अंत में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली आयोजित करेगा। चीन के विरुद्ध संघ परिवार का यह पहला विशाल जनप्रदर्शन होगा।