क्या आपने देखी ‘रुस्तम’ की ये गलतियां
आज के समय में आ रहीं फिल्मों में कमजोर डायरेक्शन देखने को मिल रहा है। फिल्म के डायरेक्टर फिल्मों को बनाने से पहले ज्यादा रिसर्च करना जरूरी नहीं समझते है और फिर उनकी ये गलतियां परदे पर दिखाई देती है। हो सकता है कि आप फिल्म देखने में व्यस्त रहे हो और आपने इन गलतियों को न देखा हो।
चलिए कोई बात नहीं हम आपको बता देते है कि फिल्म में क्या गलतियां हुई है। देखने में भले ही ये गलतियां छोटी नज़र आती हो लेकिन वास्तव में ये गलतियां फिल्म के कमजोर डायरेक्शन की ओर इशारा करती है।
01.पूरी फिल्म में आपने देखा होगा कि रुस्तम पावरी का किरदार निभाने वाले अक्षय कुमार बिना बिना दाढ़ी के मूंछे रखी है। फिल्म की कहानी सत्य घटना पर आधारित है और ये कहानी सन् 1959 की है। उस समय नौ सेना में अधिकारियों को बिना दाढ़ी के मूंछ रखने की परमिशन नहीं थी । उन्हें ये परमिशन सन् 1971 के बाद मिली थी।
02.अक्षय पूरी फिल्म में एक ही वर्दी पहने दिखाई देते है लेकिन जरा सोचिए जेल से लेकर कोर्ट तक एक ही कपड़े में कोई कितने दिनों तक रह सकता है।
03.अक्षय ने कारगिल के मैडल लगाए है जो कि 1999 के है इसके अलावा वर्दी पर रुस्तम का नाम भी लिखा हुआ है। बता दें कि वर्दी पर नाम सन् 1970 के बाद से लगने शुरू हुए। जबकि फिल्म की कहानी तो सन् 1959 की है।
04.विक्रम मखीजा के मर्डर के समय बंदूक की जगह ही बदल जाती है। रुस्तम जब विक्रम से लड़ाई करता है तो बंदूक वाला लिफाफा बेड पर रखता है लेकिन गोली मारते समय बंदूक जमीन से उठाता है।
05.अदालत में एक सीन में एक पंखा दिखाई देता है इस पंखे की खास बात ये है कि इसमे पंखिया नहीं है। अब सवाल ये है कि अदालत में बिना पंखियों के इस पंखे की अदालत में क्या जरूरत थी।
बता दें कि फिल्म के निर्माता नीरज पांडे है और फिल्म टीनू सुरेश देसाई के निर्देशन में बनी है।