सआदत हसन मंटो के यादगार पन्ने
सआदत हसन मंटो, साहित्य की दुनिया का वो नाम है, जो आज हम सभी के बीच तो नहीं हैं, पर उनके शब्द आज भी हमारे कानों में गुंजते हैं, हम सभी को एक अलग दुनिया में ले जाते हैं। वैसे तो हर वर्ग के लोग इनकी रचना के दीवाने हैं, पर युवा इन दिनों इन्हें काफी पसंद कर रहे हैं। इतनी लोकप्रिय हस्ती जिनकी हर रचना को हम सभी बेहद पसंद करते हैं, ऐसी शख्सियत से जुड़ी एक बात जान कर आपको आश्चर्य होगा की, अपनी लेखनी की वजह इन्हें 6 बाद अदालत भी जाना पड़ा। उनकी जन्मतिथि पर जानते हैं, उनसे जुड़ी कुछ और भी बातें, आइए फिर पलटाते हैं उनकी रचना के हसीन पन्ने।
अपनी कहानियों में विभाजन, दंगो और सांप्रदायिकता पर जितने तीखे कटाक्ष मंटो ने किए उसे देखकर यह साफ तौर पर समझा जा सकता है, कि हर अनुभवों को शब्दों में उतारना मंटो के लिए बांए हाथ का खेल जैसा था। मंटो की कलम जब भी उठी उसने एक हंगामा मचा दिया। हर शब्द में सवाल, हर जवाब में स्तब्धता, ऐसे शब्दों का चयन जो न जाने ऐसे लगते थे जैसे किसी नई दुनिया से आए हो।
मंटो एक उर्दू लेखक थे, जिनकी आज जन्मतिथि है। सबसे पहले वे अपनी लघु कथाओं के लिए प्रसिद्ध हुए थे। कहानीकार होने के साथ-साथ वे फिल्म और रेडियो पटकथा, लेखक और पत्रकार भी थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने 22 लघु कथा संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पांच संग्रह, रचनाओं के तीन संग्रह और व्यक्तिगत रेखाचित्र के दो संग्रह प्रकाशित किए।
क्यों जाना पड़ा अदालत
कला को कोई बांधकर नहीं रख सका है कभी, ऐसा ही हुआ सआदत हसन मंटो के साथ। अपनी कहानियों में बेबाकी रखने की वजह से कई बार उन्हें अदालत जाना पड़ा। 3 बार पाकिस्तान बनने के पहले और 3 बार बनने के बाद, पर हर बार मामला साबित नहीं हो पाया। उनपर आरोप लगाया गया था कि वे अपनी रचना के जरिए अश्लीलता फैला रहे हैं। खैर उन्हें पसंद करने वाले लोग जानते थे कि जिंदगी का असली चेहरा दिखाने वाले को कई बार मुश्किलों से गुजना पड़ता है।
बेखबरी का फायदा
मंटो की जबरदस्त रचना है बेखबरी का फायदा- जिसकी एक लाइन हर उस शख्स को याद रहेगी जो उनकी रचना को पसंद करते है, वो लाइन कुछ इस तरह है- “लबलबी दबी, पिस्तौल से झुंझलाकर गोली बाहर निकली, खिड़की में से बाहर झांकनेवाला आदमी उसी जगह दोहरा हो गया, लबलबी थोड़ी देर बाद फिर दबी, दूसरी गोली भिनभिनाते हुई बाहर निकली”। ऐसी न जाने कितनी रचना है, जो हमें विचारों की उस दुनिया में ले जाती जहां कल्पना कल्पना नहीं रहती बल्कि यथार्थ का रुप ले लेती है।
मशहूर रचनाएं
मंटो की लघुकथाएं युवा आज भी बहुत ज्यादा पसंद करते है, उनमें से खास है,टोबा टेकसिंह, बू खोल दो, ठंडा गोश्त, मंटो के अफसाने, धुआं अफसाने और ड्रामे। इन सभी को युवा आज भी बहुत ज्यादा पसंद करता है, उन्हें पढ़ना पसंद करता है। इन सभी के अलावा उनके लिखी हर रचना लोगों को बेहद पसंद है। मंटो अपनी लेखनी के अनुसार ही खुले विचारों के थेे। यही वजह थी उनकी हर रचना में सच्चाई नजर आती है।
- - Advertisement - -