दुनिया में हर मां-बाप का सपना होता है कि वो अपने बच्चे को अच्छी तालीम दे, इसके लिए वे उसे अच्छे से अच्छे स्कूल में भर्ती करवाते हैं । फीस की कोई टेंशन नहीं लेते है। फीस भरने के लिए वो दुगुनी मेहनत करते हैं ताकि उनके बच्चें को अच्छी शिक्षा मिल सके। बच्चा इंग्लिश मीडियम वाले स्कूल में पढ़ सके लेकिन फीस में लेटलतीफी हो जाने के कारण अक्सर बच्चों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। हाल ही में एक ऐसा ही केस सामने आया है जो काफी सुर्खियों में है।
एक ग्यारहवी की लड़की ने एक वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया है। जिसमें उसने कहा है कि ‘‘मैं शालीमार गार्डन में रहती हूं, मेरी ममी का नाम नम्रता सिंह है। मेरे पापा का नाम स्व. मदन सिंह है। मैं सेंट मैरी पब्लिक स्कूल साहिबाबाद में पढ़ती हूं। 12 अप्रैल को मेरी ममी मेरे प्रिंसिपल जॉन शर्मा सर से मिलने गई थीं, जिन्होंने मेरे स्कूल फीस का बिल 30 हजार 600 रुपये बनाया है। मेरी ममी ने उनसे अपील की कि मेरी सैलरी नहीं आ रही है, आप लोग अभी हाफ फीस ले लीजिए और बाकी बाद में ले लीजिएगा। फिलहाल मेरी बेटी को स्कूल में बैठने दीजिए। इस पर प्रिंसिपल ने बहुत गलत तरीके से बिहेव किया और कहा कि आप लोग जाइए, जब आप पूरी फीस जमा कर देंगे, तभी हम उसे बैठने देंगे। अब मेरी ममी ने किसी से रुपये उधार लेकर फीस जमा की है।’’
मैनेजमेंट ने ठुकराई मां की अपील
छात्रा ने फेसबुक पर अपलोड इस विडियो में बताया है कि किसी तरह स्कूल मैनेजमेंट ने उसकी मां की अपील को ठुकरा दिया। छात्रा विडियो में कह रही है कि जब ममी ने स्कूल मैनेजमेंट से सिंगल पैरंट्स चेक के बारे में पूछा, तो प्रिंसिपल ने कहा कि प्रॉसेस में है, अभी फंड नहीं है। तीन साल से स्कूल वाले यही कह रहे हैं। इस पर ममी ने पूछा कि यह तो सरकार का रूल है, फंड कहां से आएगा।
यहां सरकार का रूल नहीं चलेगा
स्कूल वालों ने कहा कि यह सरकार का रूल नहीं है। यह हम अपनी तरफ से देते हैं। इस पर मां ने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो मैं कोर्ट जाऊंगी। इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि हां-हां कोर्ट जाओ, हम देख लेंगे। मजबूरन ममी को फीस जमा करानी पड़ी। छात्रा ने विडियो जारी करते हुए कहा है कि हो सकता है इसके बाद मुझे स्कूल में और टॉर्चर किया जाए, लेकिन आप लोग इस विडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए ताकि पीएम व सीएम तक यह बात जाए।
उधार मांगकर की पैमेंट
छात्रा की मां नम्रता सिंह ने बताया कि वह सिंगल पैरंट हैं, इसके बावजूद स्कूल की ओर से आज तक उन्हें फीस में डिस्काउंट नहीं दिया गया है। स्कूल की ओर से नए सेशन की फीस, बिल्डिंग चार्ज के साथ ली जा रही है। जब उन्होंने स्कूल मैनेजमेंट से इस विषय पर बात की तो स्कूल की ओर से उन्हें फीस भरने का दवाब बनाया गया। मजबूरन लोगों से उधार मांगकर उन्होंने 26 हजार रुपये की पेमेंट की है। नम्रता का कहना है कि स्कूल की मनमानी से वह काफी परेशान हैं। फीस लेट होने पर स्कूल उनकी बेटी को बैठने नहीं देता है। उधर स्कूल के प्रिंसिपल जॉन शर्मा ने सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने 15 मई तक सिंगल पैरंट्स का बकाया डिस्काउंट देने की बात कही है।