फिर सामने आई दिल को झकझोर देने वाली एक मासूम की बेबस तस्वीर
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तीन साल के मासूम एलन कुर्दी की तस्वीर तो आपको याद ही होगी…। जो सितम्बर 2015 में गृहयुध्द से बचकर अपने परिवार के साथ दूसरे देश में शरण लेने के लिए जा रहा था। लेकिन ऐसा हो न सका। उसकी लाश तुर्की के बीच पर पड़ी हुई मिली।एलन की इस तस्वीर ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। साथ ही यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि इंसानियत कैसे धीरे-धीरे खत्म हो रही है। बहरहाल, दिल को झकझोर देने वाली एक ऐसी ही तस्वीर फिर सामने आई है। इस बार यह तस्वीर म्यांमार से आई है। यहां पर 16 महीने के बच्चे की लाश कीचड़ में सनी हुई पाई गई है।
इस मासूम की तस्वीर म्यांमार में चल रहे गृहयुध्द और वहां के लोगों की बेबसी बताने के लिए काफी है। इस मासूम का नाम मोहम्मद शोहयात है। मिली जानकारी के मुताबिक, एलन की ही तरह शोहयात भी अपने परिवार के साथ अपना देश (म्यांमार) छोड़कर दूसरे देश (बांग्लादेश) जा रहा था। बता दें कि शोहयात और उसका परिवार नाफ नदी पार करके बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहा था तभी उनकी नाव डूब गई और सभी लोगों की मौत हो गई। बाद में शोहयात की लाश कीचड़ में सनी हुई मिली।
पिता ने की दुनिया से अपील
शोहयात के पिता आलम ने दुनिया से अपील की है कि, ’रोहिंग्या समुदाय के लोगों की व्यथा पर ध्यान दें।’ उन्होंने सीएनएन को बताया, ’हमारे गांव में, हेलिकॉप्टर्स ने हम पर गोलियां बरसाईं। म्यांमार के सैनिकों ने हमारे ऊपर गोलियां दागी। मेरे दादा और दादी को जिंदा जला दिया। हमारे पूरे गांव को सेना ने आग लगा दी। कुछ नहीं बचा। जब मैं यह फोटो देखता हूं तो मर जाने को दिल करता है। इस दुनिया में रहने का कोई मतलब नहीं है।”
आलम ने आगे कहा, ”मैं पूरी दुनिया को यह बात बताना चाहता हूं। म्यांमार की सरकार को और वक्त नहीं दिया जाना चाहिए। अगर आप कार्रवाई करने में देर करेंगे तो वो सभी लोग रोहिंग्या समुदाय के लोगों को मार डालेंगे।” बता दें कि इस हादसे में शोहयात के साथ ही उसकी मां और भाई की मौत हो गई। लेकिन उसके पिता की जान बच गई। शोहयात के पिता जफर आलम पहले ही बांग्लादेश पहुंच चुके थे।
ग़ौरतलब है कि पिछले काफ़ी समय से बौध्द धर्म के अनुयायी और रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच हिंसा चल रही है। यूएन की रिफ्यूजी एजेंसी यूएनएचसीआर की माने तो म्यांमार में सेना ही रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या कर रही है। सुरक्षा बल रोहिंग्या कम्युनिटी के पुरुषों की हत्या कर रहे हैं, गोलियां चला रहे हैं, बच्चों का भी कत्ल-ए-आम कर रहे हैं। इतना ही नहीं महिलाओं के साथ रेप किया जा रहा है और उनके घरों को आग के हवाले किया जा रहा है। इसके चलते मजबूर होकर रोहिंग्या मुसलमान नदी के रास्ते बांग्लादेश भागने को मजबूर हैं।
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