Sunday, August 27th, 2017
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नौ साल बाद मिली कर्नल पुरोहित को जमानत, ऐसे बने थे धमाकों के आरोपी




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मालेगांव धमाके में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित आज जेल से रिहा हो गए।  उन्हें सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन कुछ कागजी कार्यवाही की वजह से मंगलवार को रिहाई नहीं हो पाई थी।  लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित  9 साल बाद नवी मुंबई की तलोजा जेल से रिहा हुए हैं।  रिहाई के बाद वह सीधे पुणे जा रहे हैं, जहां उनका परिवार रहता है।  जेल से रिहा होने के बाद सेना की गाड़ी में उन्हें ले जाया गया। गाड़ी के आगे पीछे सेना का काफिला चल रहा था। रिहाई के 24 घंटे के अंदर उन्हें पुणे में सेना के सामने हाज़िर होना है।

कौन हैं श्रीकांत पुरोहित

श्रीकांत पुरोहित महाराष्ट्र के एक मध्यम वर्ग परिवार से हैं। उनके पिता एक बैंक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। श्रीकांत पुरोहित ने अपनी शिक्षा, अपने बर्थ प्लेस  पुणे में अभिनव विद्यालय और गारवारा कॉलेज से पूरी की। अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी चेन्नई से अपना प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद 1994 में पुरोहित को मराठा लाइट इन्फैंट्री में कमीशन दिया गया था। 2002-2005 के बीच, उन्होंने जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद निरोधक इकाई में अपनी सेवा दी। बाद में उन्हें स्वास्थ्य कारणों से सैन्य खुफिया में स्थानांतरित कर दिया गया।  श्रीकांत पुरोहित के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे, बहन और मां हैं। श्रीकांत ने जेल से बाहर आ कर कहा की वो अपने परिवार से मिलने के लिए बेताब हैं।  उनके दो परिवार हैं, एक सेना और दूसरा उनका खुद का परिवार।

कैसे जुड़े मालेगांव मामले से?

लेफ्टिनेंट कर्नल, का इस मामले में जुड़े होने का खुलासा, कर्नल के महाराष्ट्र में रहने के दौरान एक अन्य आरोपी रमेश उपाध्याय के संपर्क में आने से हुआ। रमेश उपाध्याय ने विंग समूह “अभिनव भारत” की स्थापना की थी, इस विंग को 2008 में हुए विस्फोटों के पीछे माना जाता है और पुरोहित इस समूह से जुड़े हुए थे।

बम विस्फोटों के बाद जांच के दौरान, पुलिस को कुछ मैसेज फिर से मिले थे, जो कथित तौर पर पुरोहित द्वारा उपाध्याय को भेजे गए थे। बाद में उन पर मालेगांव विस्फोट के लिए सेना का 60 किलो आरडीएक्स चोरी करने का आरोप लगाया गया। श्रीकांत पर अभिनव भारत समूह को भी वित्तपोषण और प्रशिक्षण देने का भी आरोप लगाया गया था।

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने कहा कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं।  पुरोहित ने सत्र न्यायालय के बाहर पत्रकारों से कहा कि मैं अपनी वर्दी पहनना चाहता हूं।  यह मेरी त्वचा की ऊपरी परत है।  पुरोहित ने आगे कहा कि सेना ने मेरी इज्जत कम नहीं होने दी।  उन्होंने कहा, सेना की यह परम्परा और प्रकृति रही है कि वह अपने लोगों की इज्जत कम नहीं होने देती।  मैंने यह एक बार भी महसूस नहीं किया कि मैं सेना से बाहर हो जाऊंगा।  उन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई में मदद के लिए अपनी पत्नी की प्रशंसा की।

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