Friday, September 8th, 2017 14:28:53
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स्मोकिंग से हो सकता है आपकी जिन्दगी में अंधेरा- AIIMS




स्मोकिंग से हो सकता है आपकी जिन्दगी में अंधेरा- AIIMSHealth & Food

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अब तक आपने सिगरेट और तंबाकू के इस्तेमाल से कैंसर और दूसरी बीमारियों के बारे में तो सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि तंबाकू का सेवन करने से आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है। आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खत्म हो सकती है। इंसान देखने की क्षमता तक खो सकता है।
जी हां, अगर आपको स्मोकिंग करने या तंबाकू खाने की आदत है और अगर आप सिगरेट पर दी गई चेतावनी को नजरअंदाज कर बेधड़क स्मोकिंग करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। एम्स के डॉक्टर्स के मुताबिक स्मोकिंग करने से लोगों की जिन्दगी में अंधेरा हो सकता है। उनके आंखों की रोशनी तक जा सकती है।

एम्स के डॉक्टर्स ने एक रिसर्च की है, जिसमें ये बात सामतने आई है। डॉक्टर्स ने ये भी चेतावनी दी है कि जो लोग स्मोङ्क्षकग एडिक्ट हैं, उनकी आंखों की रोशनी एक बार जाने के बाद वापस नहीं आ सकती। रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग पांच साल से ज्यादा समय से स्मोकिंग करते रहे हैं या गुटखा , खैनी चबाते रहे हैं उनमें गुटका या स्मोकिंग करने वाले लोगों के मुकाबले अंधेपन का खतरा ज्यादा होता है।

जानिए किस तरह सिगरेट का धुंआ देखने की क्षमता को खत्म करता है-

एम्स के आरपीईसी के डायरेक्टर डॉ.अतुल कुमार का कहना है कि लगातार अगर व्यक्ति 5 साल से 10 साल तक तंबाकू खाते हैं, हुक्का पीते हैं सबका असर एक जैसा होता है। क्योंकि तंबाकू खून में जाता है और वो तंबाकू ब्लड में जाकर नर्व यानि ऑप्टिक नर्व उसको जहरीला बना देता है। ये बहुत स्लो पॉयजन होता है, एकदम से व्यक्ति को इसके बारे में अहसास तक नहीं होता। धीरे-धीरे ये जहर फैलता जाता है। नर्व डैमेज हो जाती है। ऐसे लोगों को कैटेरेक्ट होने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है।

डॉ.अतुल कमुार का कहना है कि तंबाकू के इस्तेमाल से आंखों को हाने वाला नुकसान ऐसा रहता है जिसे ज्यादातर मामलों में ठीक नहीं किया जा सकता है। यानि अगर आंखों की रोशनी स्मोङ्क्षकग के साइड इफैक्ट के कारण चली गई है तो इलाज के बाद भी उसे दुरूस्त करना आसान नहीं होता। डॉ.कुमार का कहना है कि एक स्टेज आती है जब सिगरेट पीने वाले या तंबाकू खाने वालों को साफ नहीं दिखता है।

बता दें कि एम्स के डॉक्टर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर एक ब्लांइडनेस सर्वे कर रहे हैं । इसके तहत देश में आंख से जुड़ी बीमारियों और अंधेपन को लेकर डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। सर्वे से देश के 17 राज्यों में अंधेपन की समस्या ओर उनके कारण मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

 

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