5 रूपए में एक लाइक के बदले, 3700 करोड़ का घोटाला
इंटरनेट की दुनिया भी बड़ी अजीब है। कुछ साल पहले तो लोग ज़्यादा कुछ नहीं जानते थे और इंटरनेट के हर विजुअल पर हर ग्राफिक पर बहुत ही डर-डर कर क्लिक किया करते थे। सही बताए तो शुरूआत में जब फेसबुक आया था तो लोग उसे भी डर-डर कर चलाते थे ताकि कही कुछ गलत क्लिक न हो जाए। लोगों के मन में इंटरनेट को लेकर काफी डर था।
धीरे-धीरे समय बदला और लोगों की जानकारियां बढ़ी आज लोग धड़ल्ले से फेसबुक, टिव्टर और कई सारी सोशल साइट्स को चला लेते है। आजकल लोगों के लिए फेसबुक पर लाइक लाने का कॉम्पीटिशन भी काफी लगा हुआ है। हर कोई चाहता है कि उसकी पोस्ट पर ज़्यादा से ज़्यादा लाइक आए।
कुछ लोग लाइक करवाने के लिए कई सारे सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन और अन्य चीज़ों का सहारा लेते है। फेसबुक पर लाइक लाने के कई रास्ते है, जिनमें फेसबुक खुद आपकी मदद करता है। आप फेसबुक पर कुछ अमाउंट पे करके अपनी पोस्ट पर लाइक बड़वा सकता है। लेकिन कुछ और भी वेबसाइट है जो आपके लाइक बढ़ाते है। आइए आपको बताते है कि ये कितना सिक्योर है।
इन लाइक्स को बढ़ाने के खेल को जानने से पहले आपका बता दें कि हाल ही में एक मामला सामने आया है जो सोशल मीडिया पर लाइक्स को लेकर जुड़ा हुआ है। इसे ऑनलाइन घोटाला या सोशल ट्रेड घोटाले के नाम से भी जाना जा रहा है। आप यकीन नहीं मानेंगे ये घोटाला सामने आने के बाद इतना पापुलर हो गया कि एक रात में गूगल, यूट्यूब और फेसबुक पर सबसे ज़्यादा ट्रेंडिंग बन गया।
मीडिया रिर्पोट्स के अनुसार इस घोटाले को करने वाली एक कंपनी है। जिसका नाम सोशलट्रेड डॉट बिज है। इस कंपनी ने कोई करोड़ दो करोड़ रूपए का नहीं बल्कि पूरे 3700 करोड़ रूपए का घोटाला किया है। ये घोटाला जिन फेसबुक लाइक्स के लिए आप मेहनत करते है अपनी पोस्ट को दस जगह शेयर करते है उसी के बारे में है।
इस घोटाले में जो जानकारी सामने आई वो इस तरह है कि ये कंपनी लोगों को जॉब देती है वो भी ऑनलाइन वर्क करने के लिए जिसमें आपको बस लाइक करना होता है। एक लाइक के इस पर 5 रूपए या उससे भी ज़्यादा मिल जाते है। इस कंपनी पर रजिस्टर होने के लिए आपको 5 हजार से 50 हजार तक की राशि को चुकाना होता है। काफी अलग-अलग तरह के पैकेज इनके पास उपलब्ध है।
इस कंपनी के ग्राहकों की संख्या साढ़े छः लाख बताई जा रही है। इसी कंपनी को लेकर किसी ने शिकायत दर्ज कर दी कि ये धोखाधड़ी कर रही हैं लोगों से मनमाने पैसे वसूल रही है। तो इनके पीछे एसटीएफ यानि स्पेशल टास्क फोर्स लगाई गई। टास्क फोर्स ने अपने सोर्स लगाए और इस घोटाले को उजागर किया मालूम हुआ कि 3700 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ है।
स्पेशल टास्क फोर्स ने नोएडा की इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कंपनी के निदेशक, सीईओ और तकनीकि प्रमुख को गिरफ्तार कर इनके बैंक खाते में जमा करीब पांच सौ करोड़ रूपए फ्रीज कराए है। इनके इस सोशल ट्रेड में काम करने वाले कोई गांव के लोग नहीं बल्कि पेशेवर वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंड, व्यापारी और डॉक्टर शामिल है।
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