अब चेक हुआ बाउंस तो जाना पड़ सकता है जेल
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नोटबंदी के बाद से ही सरकार का जोर कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने पर है। इसी संबंध में सरकार एक और ज़रूरी फ़ैसला लेने की तैयारी में है। दरअसल, सरकार अब उन लोगों पर लगाम कसना चाहती है जो जानबूझकर चेक बाउंस करवाते हैं। इसके लिए सरकार आगामी बजट सत्र में एक विधेयक पेश करने की तैयारी में है। इस विधेयक के मुताबिक, यदि कोई ग्राहक चेक बाउंस होने के एक महीने के अंदर कुछ फाइन के साथ भुगतान नहीं करता है तो उसे जेल जाना होगा। बता दें कि अभी भी जेल की सजा का प्रावधान तो है लेकिन कानूनी लड़ाई काफ़ी समय लगता है।
एक हिन्दी अखबार के मुताबिक, पिछले दिनों कुछ कारोबारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान कारोबारियों ने कहा था कि चेक बाउंस होने के मामले में उन्हें वसूली करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होता है और कई बार वर्षो लगते हैं। इसीलिए वे चेक लेने में भी कतराते हैं। कारोबारियों की मांग थी कि चेक बाउंस के मामलों से बचने के लिए इससे संबंधित कानून में और अधिक सख्त सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। व्यापारियों की इसी मांग के चलते अब सरकार चेक बाउंस के मामलों पर सख्त हो सकती है।
सरकार के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, ”अगर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना है तो इस मुद्दे को नहीं छोड़ा जा सकता है। सख्त से सख्त प्रावधान होना चाहिए ताकि लेनदेन में ईमानदारी आए।”
ग़ौरतलब है कि चेक बाउंस होने की घटनाओं में तब थोड़ी कमी आई थी जब पहली बार जेल का प्रावधान किया गया था। लेकिन वह भी तब होता है जब कोर्ट में ट्रायल पूरा हो जाए। फिलहाल कानून के तहत चेक मूल्य के दोगुना फाइन या दो साल तक की सजा या फिर दोनो का प्रावधान है। लेकिन यह कोर्ट से निर्णय होने के बाद होता है।
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