भारत का एक ऐसा राज्य , जहां हिंदी बोलने और हिंदी गाने सुनने पर है बैन
आजादी के बाद अंग्रेज तो हमारे देश से चले गए , लेकिन 70 साल बाद भी उनकेा कल्चर हमारे देश में कहीं न कहीं फॉलो किया जा रहा है। भारत के स्टेट मणिपुर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपनी भारतीय संस्कृति को भूलकर पूरी तरह कोरियन कल्चर को फॉलो कर रहा है। यहां के लोग न तो हिंदी गाने सुनते हैं और न ही हिंदी बोलते हैं। कहने को ये राज्य भारत का ही है, बावजूद इसके यहां कोरियन कल्चर का प्रभाव ज्यादा नजर आता है।
कोरियन गानों और फिल्मों के दीवाने है लोग-
कोरियन संगीत का जादू यहां की युवा पीढ़ी के सिर चढ़कर बोलता है। उनकी हर पर्सनल और सोशन एकिटविटी कोरियल कल्चर जैसी दिखाई देती है। मणिपुर से कई बार भारतीयकरण को हटाने के लिए यहां की लोकल ऑथेरिटी बॉलीवुड गानों और हिंदी बोलने पर रोक लगा चुकी है।
इसलिए लुभाया कोरियन कल्चर-
90 के दशक से कुछ सुधारकों ने लोकल प्रिजर्वेशन के नाम पर मणिपुर के लोगों से उनका पर्सनल कल्चर छोडऩे का दबाव बनाया है। जिससे परेशान मणिपुर के लोगों का आकर्षण कोरियन कल्चर की तरफ बढ़ रहा है।
बॉलीवुड मूवीज बैन हैं यहां-
यहां के लोगों का मानना है कि बॉलीवुड मूवीज उनके कल्चर को कमजोर बना रहीं थीं। यहां का यूथ कोरियन कल्चर का दीवाना है और अपने फेसबुक नामों में कोरियन नामों का यूज ज्यादा करता हे। एरारंग टीवी यहां का फेमस टीवी चैनल है जो सीधे सियोल से प्रसारित होता है।
हिंदी बोलना मना है-
यहां पर हिंदी बोलने पर पाबंदी है। इसलिए यहां की हेयरकट से लेकर कॉस्ट्यूम तक में कोरियन कल्वचर नजर आता है। यहां तक की शादी -पार्टी में भी बॉलीवुड के गाने बजाने पर प्रतिबंध है।