आज दुनिया कितनी भी आगे क्यों न निकल गई हो, लेकिन शिक्षा के मामले में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। शिक्षा कितनी जरूरी है , ये बताने की जरूरत नहीं है। शिक्षा के महत्व को समझते हुए आज दुनिया में हर देश अपनी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में लगा हुआ है, बावजूद इसके आज भी विश्व साक्षरता दर 84 प्रतिशत है। यानि की दुनियाभर में हर 100 में से 16 लोग अनपढ़ हैं। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो कम से कम 750 मिलियन युवा और व्यसक अभी भी पढ़ लिख नहीं सकते। 250 मिलियन बच्चे अब भी शिक्षा हासिल करने में असमर्थ हैं।
युवा साक्षरता के नेशनल डाटा के अनुसार अमेरिका के 50 प्रतिशत युवा ऐसे हैं जो 8वीं क्लास की किताबें भी ठीक से नहीं पढ़ सकते और 23 अमेरिकी युवा पूरी तरह से अपनढ़ हैं। यूनेस्को की रिपोर्ट के मुताबिक 2005-14 के बीच 758 व्यसक ऐसे थे जो साधारण वाक्य भी नहीं पढ़ सकते थे। इनमें दो तिहाई महिलाएं शमिल हैं।
गांबिया दुनिया का सबसे अशिक्षित देश-
बात अगर भारत की करें तो यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अशिक्षित है। देश में 28.7 करोड़ लोग अनपढ़ हैं जो दुनिया के कुल अशिक्षितों का 37 फीसदी है। भारत में साक्षरता के मामले में पुरूष और महिलाओं में काफी अन्तर है जहां पुरूषों की साक्षरता दर 82.14 है वहीं महिलाओं की साक्षरता दर केवल 65.46 प्रतिशत है । ऐसा ही नहीं कई ऐसे देश है जिनकी साक्षरता भारत से और भी कम है।गांबिया की स्थिति शिक्षा के मामले में तो और भी बुरी है। यहं 1.8 मिलियन जनसंख्या अशिक्षित है। यहां 65.5 प्रतिशत लोग पढ़ लिख ही नहीं सकते। जबकि शिक्षा के मामले में रूस पहले नंबर पर है और पाकिस्तान की भी आधी आबादी अनपढ़ है।
स्वतंत्रता के समय केवल 12 फीसदी आबादी थी शिक्षित
1947 में स्वतंत्रता के समय देश की केवल 12 प्रतिशत आबादी ही साक्षर थी। वर्ष 2007 तक यह प्रतिशत बढ़कर 68 हो गया और 2011 में यह बढ़कर 74% हो गया लेकिन फिर भी यह विश्व के 84% से बहुत कम है। 2001 की जनगणना के अनुसार 65 प्रतिशत साक्षरता दर के साथ ही देश में 29 करोड़ 60 लाख निरक्षर हैं, जो आजादी के समय की 27करोड़ की जनसंख्या के आसपास हैं।