पत्रकार राजदेव रंजन मर्डर केस में SC ने जारी किए अहम आदेश
बिहार के पत्रकार राजदेव रंजन के मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख़्त रवैया अपनाते हुए अहम आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने गिरफ़्तार किए गए 6 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने सीबीआई को जांच पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सिवान के सेशन जज से भी मोहम्मद कैफ और जावेद के बारे में रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि सिवान के सेशन जज रिपोर्ट दाखि़ल कर बताए कि शहाबुद्दीन और तेज प्रताप को समारोह में बुके देने वाले फ़ोटो के वक़्त आरोपी कैफ़ और जावेद को क्या भगोड़ा घोषित किया गया था, या फिर गैर-ज़मानती वारंट जारी किया गया था। यदि कोई कार्रवाई की गई थी तो उसके बारे में भी बताए।
बता दें कि इस मामले में राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। आशा ने अपनी इस याचिका में मांग की है कि इस केस की जांच बिहार के बाहर की जाए। वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि इस मामले की सुनवाई बिहार में ही होनी चाहिए। बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए है। इतना ही नहीं बिहार सरकार ने कहा कि सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और वे सीबीआई को जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। बहरहाल, इस मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।
एक नज़र राजदेव मर्डर केस पर
राजदेव रंजन बिहार के सिवान शहर से पत्रकारिता करते थे। 13 मई 2016 को राजदेव की सिवान रेलवे स्टेशन के हत्या कर दी गई थी। इस केस में शहाबुद्दीन को भी आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने 5 शूटरों को गिरफ़्तार किया था। पुलिस को अपनी जांच के दौरान पता चला था कि लड्डन मियां के कहने पर राजदेव को गोली मारी गई थी। बता दें कि लड्डन को शहाबुद्दीन का करीबी माना जाता है। हालांकि बाद में उसने सरेंडर कर दिया था।