अब सर्च इंजन पर नहीं दिखेंगे लिंग परीक्षण से जुड़े विज्ञापन
केन्द्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों ही देश में गिरते हुए लिंग अनुपात को लेकर चिंतिंत है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सोमवार को तीन प्रमुख सर्च इंजन माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और याहू पर लिंग परीक्षण से संबंधित विज्ञापन दिखाने पर रोक लगाने का का मन बना लिया है।
दरअसल सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीनों कंपनियों ने लिंग परीक्षण से जुड़े 22 प्रमुख कीवर्ड की पहचान कर ली है। अब इन कीवर्ड्स को टाइप करने पर किसी भी व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं मिल पाएगी। इन 22 की वर्ड्स के अलावा भी कुछ नये शब्द सुझाये जाते हैं, तो से कंपनियां उन्हें अपने ऑटो ब्लॉक सिस्टम में शामिल करने को तैयार हैं। सरकार ने जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस सी नागप्पन को बताया है कि इन तीनों कंपनियों ने गर्भ में लिंग जांच से जुड़ी सारी सूचनाओं को ऑटो ब्लॉक करने का नया तरीका अपनाया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी।
बता दें कि कुछ समय पहले डॉ. साबू जॉर्ज ने कोर्ट में लिंग जांच संबंधी विज्ञापनों के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस याचिका में जार्ज ने इस बात का जिक्र किया था कि ऑनलाइन सर्च इंजन कंपनियां इस तरह के विज्ञापन दिखा कर कानून का उल्लंघन कर रही है। गौरतलब है कि भारत में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के मकसद से गर्भाधान एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम लागू है। जिसमे जन्म पूर्व लिंग जांच पर प्रतिबंध है। वैसे इससे पहले जब इस मामले पर सुनवाई की गई थी तो केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि सरकार इंटरनेट सर्च इंजन कंपनियों से मिलकर इस समस्या का समाधान निकालेगी।