सर्जिकल स्ट्राइकः चश्मदीदों ने बताया सच-ट्रकों में ले गए थे आतंकियों के शव
नई दिल्ली। भारतीय सेना की तरफ से पीओके में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की बात नकारने वाले पाकिस्तान का झूठ बेनकाब होने लगा है। सेना के सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पीओके में एलओसी के पास रहने वाले लोगों ने एक अंग्रेजी अखबार को उस रात की कहानी बताई है।जी हां अब इंडियन एक्सप्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। एलओसी इलाके में रहने वाले लोगों से बात करके इंडियन एक्सप्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत जुटाए हैं। जिसमें इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया है कि एमओसी पार रहने वाले चश्मदीदों ने पिछले सप्ताह आतंकवादी कैंपों पर हुई भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का आंखों देखा हाल बताया है। चश्मदीदों ने बताया कि किस तरह सर्जिकल में मारे गए आतंकवादियों के शव को 29 सितंबर की सुबह ट्रकों में भरकर ले जाया गया। चश्मदीदों के अनुसार कम वक्त में हई सेना की ताबड़तोड़ फायरिंग में आतंकवादी कैंप नेस्तेनाबूद हो गए।
अखबार के अनुसार पांच चश्मदीदों में से 2 जो दुधनियाल के हैं उन्होंने बताया कि अल-हवाई पुल के पास जो पुरवा के मुख्यबाजार के नजदीक है वहां एक गिरी इमारत दिखी है, जहां एक मिलिट्री आउटपोस्ट मौजूद है और इस पोस्ट का उपयोग लश्कर करता है। अलहवाई ब्रिज वह जगह है जहां घुसपैठ करने वाले समूह अपने साथ सामान लोड करते हैं और फिर एलओसी के रास्ते कुपवाड़ा जाते हैं। एक अन्य चश्मदीद के हवाले से अखबार ने लिखा है कि एक स्थानीय नागरिक ने जानकारी दी कि संभवतः 84 एमएम की कार्ल गुस्ताव से फायरिंग की गई थी। हमें देर रात अलहवाई पुल के पार से आवाजें सुनाई पड़ी हालांकि कोई भी बाहर यह देखने नहीं आया कि क्या चल रहा है? लश्कर के लोग सुबह इलाके में आए और पांच या 6 शव को ट्रक में लोड करने के बाद संभवतः लश्कर के करीबी कैंप छालना में लेकर गए, जो नीलम नदी के पार स्थित है. बताया जा रहा है कि मौजूद आतंकी गोलीबारी के बाद जंगल की ओर भाग खड़े हुए।
अखबार के अनुसार चश्मदीद ने यह भी बताया कि लश्कर से जुड़े छालना स्थित एक मस्जिद में शुक्रवार को लोग जुटे और उन्होंने पाकिस्तानी सेना के प्रति नाराजगी जताई साथ ही उन्होंने बदला लेने की बात कही। वे कह रहे थे कि वो जल्द ही भारत को इसका जवाब देंगे जो वो कभी भुला नहीं सकेंगे। अखबार के अनुसार चश्मदीदों ने जानकारी दी कि खैराती बाग में भारतीय सेना ने तीन मंजिला लकड़ी की बिल्डिंग को नेस्तानबूत कर दिया। चश्मदीदों ने यह भी बताया कि जहां बिल्डिंग गिरी थी वहां करीब 3-5 लश्कर आतंकी मारे गए होंगे। एक अन्य चश्मदीद ने जानकारी दी कि नीलम नदी के पूर्वी तट पर आग और विस्फोट भी सुनाई पड़ी थी। अखबार के मुताबिक एक चश्मदीद ने बताया कि अतमुकाम जिला स्थित नीलम जिला अस्पताल गया था जहां उसने सुना कि कुछ लश्कर के लोग मारे गए हैं और घायल भी हुए हैं। लेकिन किसी भी आतंकी का शव सार्वजनिक रूप से नहीं दफनाया गया।