टाटा संस की ये नई मैटरनिटी पॉलिसी आपका दिल जीतने के लिए तैयार है
हाल ही में जहां महिला कर्मचारियों के लिए सरकार ने मैटरनिटी लीव बिल पास कर दिया है, वहीं पिछले कुछ महीनो में भारतीय कंपनियों ने भी महिलाओं की प्रतिभा को बचाए रखने के लिए मैटरनिटी लीव और दूसरे फायदे देना शुरू कर दिया है। लेकिन टाटा संस ने इस क्षेत्र में अब एक बेंचमार्क स्थापित कर दिया है । कंपनी अब पैरेंट्स बनने जा रही महिलाओं के लिए बहुत से बेनीफिट्स के साथ एक नई पॉलिसी लेकर आई है।
शुरूआती चाइल्डहुड केअर के लिए 7 महीने की मैटरनिटी लीव के बाद भी महिलाएं हाफ -पे, हाफ वर्किंग डे के आधार पर 18 महीने तक रह सकती हैं। काम करने का समय तय करने की आजादी उनको मिलेगी। मैटरनिटी और अर्ली चाइल्डहुड केअर लीव के अलावा महिला कर्मचारी हफ्ते में दो दिन घर से काम कर सकेंगी। इन लीव्स के दौरान परफॉर्मेंस रेटिंग पिछले दो साल के एवरेज रेटिंग या ऑनगोइंग ईयर के रेटिंग के आधार पर की जाएगी जो भी ज्यादा हो। इस मामले में टाटा संस के रिसोर्स ऑफिसर कहते हैं कि वर्किंग वूमन आज ऑफिस के अलावा भी कई रोल अदा करती हैं। वो घर देखती हैं, बच्चों को देखती हैं। हमारी ये अप्रोच महिलाओं को घर और परिवार के साथ-साथ ऑफिस की जिम्मेदारियों को भी निभाने में मदद करेगी।
मैटरनिटी लीव,फ्लेक्सीबल वर्क, वर्क फ्रॉम होम इन तीनों ही में जो समय दिया जाएगा उसे साधारण वर्क या सर्विस के तौर पर मापा जाएगा , यानि प्रमोशन पर इसका असर नहीं होगा। काम में पांच साल पूरे होने के बाद महिलाएं हाफ पे पर एक साल की छुट्टी ले सकती हैं। ये इसलिए ताकि वो घर में बड़ों और बच्चों की देखभाल कर सकें। ये लीव दो-दो महीने करके 6 बार ली जा सकती है। इस दौरान पिछले सीटीसी का 50 फीसदी भुुगतान किया जाएगा। कंपनी इसके अलावा छह महीने की अडॉप्शन लीव, छह महीने की सेरोगेसी लीव और 15 दिन क पेटरनिटी लीव भी देगी। अभी येे पॉलिसी केवल टाटा संस में लागू की गई है और उम्मीद है कि टाटा ग्रुप की बाकी कंपनियों में भी ये जल्दी शुरू हो जाएगा।
कब से होगी इन पॉजिलसी की शुरूआत-
इन पॉलिसी की शुरूआत इसी महीने से होगी। इसका मतलब ये है कि टाटा संस में महिलाएं अभी से ही फुल पे के साथ सात महीने की मैटरनिटी लीव ले सकेंगी। ये छुट्टी बच्चे के जन्म से दो महीने पहले भी ली जा सकती है।
प्राइवेट सेक्टर में मैटरनिटी लीव-
इस साल की श़ुरूआत में ही भारतीय आईएनसी सरकार से भी आगे निकलकर 26 हफ्त की मैटरनिटी लीव पॉलिसी लागू कर चुकी थी। नेस्ले इंडिया और माइक्रोसॉफ्ट ने ये पॉलिसी फरवरी के पहले हफ्ते में शुरू की तो वहीं kpmg , Deloitte, Pricewaterhouse coopers and ersnt & young जैसी कंपनियों ने भी इसकी शुरूआत कर दी। इसके अलावा सरकारी प्रपोजल के हिस्से से जो महिला कर्मचारी सरोगेट और कमीशनिंग मदर हैं, उन्हें भी दस महीने की मैटरनिटी लीव देने की बात कही गई है।
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