NDA के गठबंधन वाली बिहार सरकार द्वारा विश्वास मत प्राप्ति पश्चात् सीएम पद पर नीतीश कुमार आसीन हो चुके हैं। इसके बावजूद बिहार की राजनीती में अब विपक्ष का नेता बन चुके लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव चमचमा रहे हैं। विश्वास मतदान के समय विधानसभा में तेजस्वी का भाषण इतना प्रभावशाली रहा कि BJP के एक सीनियर नेता को भी कहना पड़ा कि तेजस्वी से ऐसे भाषण की उम्मीद नहीं थी। तेजस्वी यादव ने नीतीश को घेरते हुए कई मुद्दों का जिक्र किया। पूछा कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के पीछे उनकी क्या मंशा है? उन्होंने नीतीश के इस कदम को लोकतंत्र की हत्या भी बताया। हालांकि, इतना सब होने के बावजूद एनडीए 131-108 से जीत गई और नितीश सीएम बन गए।
बैठ जाइए, इनके लिए मैं अकेला काफी हूं – तेजस्वी
तेजस्वी यादव को विपक्ष का नेता चुना गया था। इसलिए सबसे पहले उनको ही बोलने का मौका मिला। कार्यवाही के दौरान आरजेडी नेता ललित यादव और भाई बीरेंद्र सिंह नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे। उस वक्त तेजस्वी ने अपनी समझदारी दिखाते हुए उनसे कहा कि आप शांति से बैठ जाइए, इनके लिए मैं अकेला काफी हूं।
नितीश को शपथ लेते हुए शर्म नहीं आई?
नीतीश कुमार को बॉस से संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘आपके पास 91 एमएलए थे बॉस।’ उन्होंने नीतीश से यह तक पूछ लिया कि क्या उनको शपथ लेते हुए शर्म नहीं आई? इसपर BJP नेताओं ने अपना विरोध दर्ज करवाया, लेकिन तेजस्वी ने साफ कहा कि ऐसा बोलने में कुछ गलत नहीं है।
‘हे राम’ से ‘जय श्री राम’ की तरफ बढ़ गए नीतीश
इसके बाद तेजस्वी ने नीतीश से कहा कि आप ‘हे राम’ से ‘जय श्री राम’ की तरफ बढ़ चले हैं। तेजस्वी बोले कि जो कोई भीड़ द्वारा मारपीट और BJP के खिलाफ बोलता है, उसे एंटी नेशनल कहा जाता है, लेकिन अब आप (नीतीश) राष्ट्रवादी हो गए हैं। तेजस्वी ने आगे कहा कि वैसे तो नीतीश विपक्ष की एकजुटता की बात करते थे लेकिन सोनिया गांधी की मीटिंग में जाने की जगह वह पीएम मोदी के डिनर में पहुंचे थे। तेजस्वी ने आगे कहा कि नीतीश ने BJP के साथ मिलकर ड्रामा रचा। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश पिछले 6-7 महीनों से BJP के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रहे थे।