ब्रिटेन में हाल ही में हुई आतंकी हमलों की दहशत के बीच आज आम चुनाव होने जा रहे हैं। लगातार हुए तीन आतंकवादी हमलों के बाद यहां की फिजा बदल गई है । लोगों में दहशत फैली हुई है और काफी सहमे भी हैं। बावजूद इसके बदली परिस्थितयों के बीच आज यहां मतदान होगा। इस चुनाव में करीब पांच करोड़ मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे।
वैेसे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा ने अप्रैल में ही इन चुनावों की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था। उन्होंने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने की प्रक्रिया में जुटे ब्रिटेन में स्थिरता लाने के लिए ये फैसला लिया था। हालांकि इतने बड़े आतंकीवादी हमलों के बाद वहां के माहौल और परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है और अब ये ही चुनाव का मुख्य मुद्दा बन गया है।इस बीच कंर्वेटिव पार्टी से सीएम पद की उम्मीदवार टेरीजा मे और लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने शहरी क्षेत्रों को लक्ष्य बनाते हुए मतदान से पहले चुनाव प्रचार किया।
टेरिजा मे ने आखिरी दिन बड़ी आबादी वाले इंग्लिश मिडलैंड में जोरदार चुनाव प्रचार किया। जबकि कोर्बिन ने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में छह रैलियां की। दोनों नेताओं के चुनाव प्रचार में आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। दोनों प्रत्याशियों ने कहा है कि लंदन में आतंकवाद से निपटने के लिए जरूरत पड़ी तो मानवाधिकार कानून को बदला भी जाएगा। टेरिजा ने मतदाताओं से उनके हाथ मजबूत करने का वादा किया है जबकि कोर्बिन ने सार्वजनिक सेवाएं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को अपने हाथ में लेने की बात कही है।
एक माह पहले प्रचार अभियान की शुरूआत के दौरान हुए जनमत सर्वेक्षण के अनुसार कंजर्वेटिव पार्टी को 41.6 फीसदी और विपक्षी लेबर पार्टी को 40.4 फीसदी लोगों का समर्थन मिलता दिख रहा है। शुरू में दोनों पार्टियों के बीच 20 फीसदी का अंतर था, जो अब काफी कम हो गया है। 650 सदस्यीय वाली संसद में फिलहाल श्रीमती मे के पास बहुमत हैं। 2015 में हुए चुनाव में डेविड कैमरून ने 331 सीटें जीती थीं। बहुमत का आंकड़ा 326 का है। कई एजेंसियां श्रीमती मे का शानदार जीत का दावा कर रही हैं।