छुट्टियों की परंपरा बंद होगी, तो होगा बच्चों का बौद्धिक विकास
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोज कोई न कोई नया फरमान सुनाकर सुर्खियों का हिस्सा बन रहे हैं। हाल ही में उन्होंने बच्चों की स्कूल की छुट्टियों को लेकर एक नया आदेश दे डाला है। उन्होंने महापुरूषों के नाम पर होने वाली छुट्टियों को खतम करने के आदेश दे दिए हैं। इससे पूरा शिक्षा विभाग सकते में है। उन्होंने कहा है कि उनके सपनों के भारत का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने अपने ऐलान के बारे में कुछ लोगों को बुरा लगने वाली बात भी कही और कहा कि महापुरूषों के नाम पर मिलने वाली छुट्टियो ंकी परंपरा बंद होनी चाहिए। जब उन्हें स्कूलों में इनके बारे में पढ़ाया जाएगा, तो उनका बौद्धिक विकास होगा साथ ही वे हमारे महापुरूषों के संघर्ष की कहानी को जान पाएंगे।
बच्चे समझते हैं छुट्टियां हैं-
योगी ने कहा कि यह आदेश देने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जिनके नाम पर छुट्टियां दी जा रही हैं, उनके बारे में कम से कम बच्चों को पता तो है। बच्चे क्या समझें, उन्हें लगता है कि बस रविवार की छुट्टी है। इससे अच्छा है कि महापुरूषों की जयंती पर स्कूल बदं न करते हुए स्कूलों को कुछ देर खोलकर विशेष कार्यक्रमों के जरिए बच्चों को उन पहापुरूषों के बारे में बताया जाना चाहिए।
उत्तरप्रदेश में होती हैं सबसे ज्यादा छुट्टियां-
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा छुट्टियां होती हैं। जिसमें गुरूगोविंद सिंह, कर्पूरी ठाकुर, महर्षि कश्यप, चेटीचंद, भगवान महावीर, मोहम्म्द हजरत अली और महात्मा गांधी समेत 23 जयंतियों की छुट्टियां हैं। सरकारी स्कूल गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में 60 दिन से ज्यादा बंद रहते हैं। इसके साथ ही 17 रिस्टिक्रटेड छुट्टियां हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विचार करेगीजयंतियों पर छुट्टियों के बजाय महापुरूषों के बारे में बच्चों को बताने का काम शुरू हो।
कम से कम 222 दिन खुलें स्कूल-
साल में 365 दिन होते हैं, उसमें छुट्टियां इतनी हो जाती हैं कि ज्यादा दिन स्कूल खुलना संभव ही नहीं हो पाता। ऐसे में जरूरी है कि स्कूल कम से कम 222 दिन तो खुलें ही।
ये होंगे फायदे-
– यदि महापुरूषों की जयंतियों पर छुट्टियां बंद हो जाती हैं, तो इससे कोर्स समय पर पूरा होगा। नहीं तो साल में ज्यादा छुट्टियां होने से कोर्स पूरा नहीं हो पाता। ऐसे में आखिरी में एक्स्ट्रा क्लास लगानी पड़ती हैं।
– जयंतियों पर बच्चों को उनके बारे में बताया जाए, तो बच्चों को हमारे इतिहास और लीडर्स के बारे में बहुत कुछ मालूम पड़ सकेगा।
– बच्चों का मानसिक विकास होगा साथ ही वे महापुरूषों से इंस्पीरेशन ले सकेंगे।
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