क्रिकेट की दुनिया भले ही बाहर से दिखने में ग्लैमरस लगती हो, लेकिन यहां भी किसी न किसी क्रिकेटर को गलत हरकत के लिए उसके गुनाहों की सजा जरूर मिलती है। किसी को गलत व्यवहार के लिए सजा मिलती है तो किसी को फिक्सिंग में शामिल होने के बाद मैच पर बैन लगाने जैसी सजा मिलती है, लेकिन एक क्रिकेटर ऐसा भी है, जिसे घिनौना काम करने के लिए फांसी पर चढ़ा दिया गया। बता दें कि ये क्रिकेट की दुनिया का ये इकलौता क्रिकेटर था, जिसे फांसी की सजा सुनाई गई थी।
इस गेंदबाज ने की थी पत्नी की हत्या-
बात 1995 की है जब वेस्टइंडीज के गेंदबाज लेस्ली हिल्टन को फांसी दे दी गई थी। उस वक्त पूरी दुनिया हैरान रह गई थी, क्योंकि इससे पहले कभी किसी क्रिकेटर को फांसी की सजा नहीं सुनाई गई थी। दरअसल, उन पर अपनी पत्नी की हत्या करने का आरोप था। बता दें कि लेस्ली वेस्ट इंडीज के फास्ट बॉलर थे। उन्होंने 1935-39 के बीच अपने देश के लिए 6 टेस्ट मैच खेले और 19 विकेट लिए।
हुई थी लव मैरिज-
हिल्टन ने बेवफाई के चलते अपनी वाइफ की हत्या की थी। उनकी वाइफ का नाम लर्लिन रोज था जो कि जमैका के एक पुलिस अधिकारी की बेटी थी। 1935 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने के बाद हिल्टन की मुलाकात लर्लिन से हुई और दोनों में प्यार हो गया। बताते हैं कि कई सालों तक दोनों का अफेयर रहा। साल 1942 में दोनों ने शादी कर ली। इनका एक बेटा भी था।
बेवफाई की थी पत्नी ने-
शादी के कुछ सालों बाद तक तो सबकुछ ठीक चला , लेकिन उसके बाद दोनों के बीच कहा-सुनी शुरू हो गई। इस विवाद की जड़ उनकी वाइफ हिल्टन की वाइफ का ड्रे्रस मेकिंग बिजनेस था। बिजनेस में कोई खामी नहीं थी, लेकिन लर्लिन बिजनेस के सिलसिले में अक्सर न्यूयॉर्क जाती रहती थीं। कुछ समय बाद वे जयादा समय वहीं बितो लगीं। तब हिल्टन को उन पर शक हुआ और उनका ये शक और तब पक्का हो गया जब उन्हें अपनी पत्नी के अवैध संबंधों की एक बिना नाम नाम का पत्र मिला ।
मारी थी सात गोलियां-
उन्होंने अपनी पतनी को वापस बुलाया। दोनों में काफी कहा-सुनी ह़ुई, तब हिल्टन को पता चला कि उनकी पत्नी का ब्रूकलीन एवन्यू में रहने वाले रॉय फ्रांसिस के साथ एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर था। उनकी पत्नी भी ये बात कुबूल चुकी थी, उन्हें बहुत गुस्सा आया और बिना कुछ सोचे समझे अपनी पतनी को सात गोली मार दीं। जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि कोर्ट में पेश हेाने के बाद उन्होंने अपने बचाव में कहा कि – वे तो खुद को गोली मारना चाहते थे, लेकिन गलती से उनकी पत्नी को लग गई। कोर्ट ने उनकी बात को सच न मानते हुए 17 मई 1995 को उन्हें फांसी पर लटका दिया।