प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता मिशन को अब एनजीटी यानी कि नेशनल ग्रीन टिब्यूनल का भी समर्थन मिल गया है। दरअसल, एनजीटी ने एक आदेश जारी किया है। जिसके तहत अब यदि कोई सार्वजनिक स्थल पर कचरा फेंकते हुए दिखता है तो उसे तकरीबन दस हजार का जुर्माना देना होगा। आदेश पारित करते हुए एनजीटी की ओर से कहा गया कि, देशभर में ख़ासकर दिल्ली में कचरा प्रदूषण का सबसे गम्भीर कारक है।
NGT ने इन्हें माना कचरा फैलाने के लिए जिम्मेदार
एनजीटी ने कहा कि होटल, रेस्तरां , बूचड़खाना ,सब्जी बाजार आदि जगहों पर ठोस कचरा सबसे ज़्यादा निकलता है। इनको निर्देश दिया जाता है कि वह कचरे को एक जगह पर ही जमा करें और कॉरपोरेशन को सौंपे। एनजीटी ने कहा, यदि कोई भी व्यक्ति या होटल, रेस्तरां आदि नियमों का पालन नहीं करता और कचरे को नाले या पब्लिक प्लेस में फेंकता है तो उसे दस हजार रुपए बतौर पर्यावरण मुआवजा देना होगा।
एनजीटी ने आगे कहा कि सभी अथॉरिटीज का यह संवैधानिक दायित्व है कि कचरे को इकट्ठा करने लाने ले जाने और ठिकाने लगाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के नियमों का पालन करें ताकि लोगों की सेहत के लिए खतरा पैदा न हो। एनजीटी की माने तो राजधानी में 9,600 मीट्रिक टन ठोस कचरा रोजाना निकलता है। बहरहाल, बता दें कि एनजीटी का यह निर्देश फिलहाल राजधानी दिल्ली में ही लागू होगा। देश के अन्य हिस्सों में नहीं।