रेलवे के रिजर्वेशन फॉर्म में बड़े बदलाव किए गए हैं। इस नए फॉर्म में अब मेल, फीमेल के अलावा थर्ड जेंडर को भी जगह मिली है। रेलवे के मुताबिक ये सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगहों पर मिलेगी। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे रिजर्वेशन फॉर्म में ट्रांसजेंडर के लिए अलग से कॉलम बनाने का आदेश दिया था। कोर्ट में सरकार ने इसे जल्द लागू करने का भरोसा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में संविधान के तृतीय भाग और संसद के द्वारा बनाए गए कानून के तहत हिजड़ा और किन्नर के साथ-साथ बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देने का निर्देश दिया था। परिपत्र में कहा गया, ’निर्देशों के तहत टिकट आरक्षण, रद्द कराने के फार्म में महिला और पुरुष के साथ-साथ ट्रांसजेंडर का विकल्प भी शामिल करने का निर्णय किया गया है। प्रणाली में यह सूचना दर्ज कर ली जाएगी जबकि उन्हें पूरी कीमत पर टिकट जारी किया जाएगा।
बता दें कि अधिवक्ता जमशेद अंसारी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी जनहित याचिका में इसे आईआरसीटीसी द्वारा संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 का उल्लंघन बताया था। उन्होंने भारतीय रेलवे से शीर्ष न्यायालय के उस निर्णय के अनुपालन की मांग की थी जिसमें न्यायालय ने केंद्र एवं राज्य सरकारों से ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता प्रदान करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही उन्हें सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के हिसाब से रियायत देने की मांग भी की थी।