भारत सहित दुनिया के कई देश प्लास्टिक से बने पॉलीबैग्स (थैलियों) से छुटकारा पाने की कशमकश कर रहे हैं। भारत में तो कई राज्यों ने प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है, लेकिन प्रायोगिक तौर पर इन प्रतिबंधों के पालन में उतनी सख्ती नहीं देखी जाती जैसी की होना चाहिए। ऐसे में यहाँ प्रेरक बनकर उभरे एक देश के बारे में बताना जरुरी हो गया हैं, जी हाँ…. केन्या (पूर्वी अफ्रीका) ने अपने पुरे मुल्क में पॉलीबैग्स के निर्माण और आयात पर ही प्रतिबंध लगा कर सारी दुनिया को एक अच्छा सन्देश दिया हैं। इतना ही नहीं यदि कोई इसका उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो उस पर 38,000 अमेरिकी डॉलर तक का भारी भरकम जुर्माना लगाया जाने का प्रावधान भी किया है।
इन देशों में भी हैं ऐसे प्रतिबन्ध
केन्या की राजधानी नैरोबी की सड़कों पर खरीददारी में इस्तेमाल होने वाली पतली प्लास्टिक की थैलियों का ढेर लगा हुआ है। कैमरून, गिनिया-बिसाउ, माली, तंजानिया, युगांडा, इथियोपिया, मॉरितानिया और मलावी उन देशों की सूची में शामिल हैं, जिन्होंने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है या प्रतिबंधों को लेकर ऐसी घोषणाएं की हैं।
इस फैसले से कई फायदे, नुकसान बहुत कम
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के मुताबिक, अकेले सुपर-मार्केट से केन्या में हर साल करीब 10 करोड़ प्लास्टिक की थैलियां दी जाती हैं। केन्या सरकार का कहना है कि प्लास्टिक की थैलियां न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि इनसे नालियां भी बाधित होती हैं। साथ ही पशु भी इन्हें खा कर बीमार हो जाते हैं। ऐसे में थैलियों पर बैन को लेकर ये फैसला लिया गया है। वहीं सरकार के इस फैसले को लेकर प्लास्टिक थैलियों के निर्माताओं ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध का असर रोजगार पर पड़ेगा, जिससे बेरोजगार लोगों का परिवार चलाना भी मुश्किल हो जाएगा।