हिजाब पहनकर रफ़्तार से बात करती है यह लड़की
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आमतौर पर हम लोगों ने लड़कियों को स्कूटी चलाते हुए देखा है। लेकिन अगर कोई लड़की हिजाब पहनकर स्पोर्ट्स बाईक चलाती है तो लोग देखकर हैरान हो जाते है। दरअसल यह लड़की गाजियाबाद की रोशनी मिसबाह है जो हिजाब पहन कर और स्टाइलिस बाईक से कॉलेज जाती है। जो उन्हें कॉलेज में सबसे जुदा बनाता है।
दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी से अरेबिक ऐंड कल्चर स्टडीज़ में मास्टर्स कर रही रोशनी कैंपस के लिए बड़ा अट्रैक्शन और इंस्परेशन दोनों हैं। कैंपस में लैदर जैकेट, डेनिम जींस, हाई हील बूट्स और स्कार्फ के साथ तो बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स एंट्री करती हैं, लेकिन रोशनी के स्टाइल में बाइक और हिजाब दो ऐसी चीजें हैं जो उन्हें सबसे जुदा करती हैं।
कब शुरु किया बाईक चलाना
रोशनी बताती है कि जब वह 9वीं कक्षा में पढ़ती थी जब उन्होंने बाइक चलाना सीखा था। तब उनके पास एवेंजर बाइक थी, जिस पर उन्होंने अपने हुनर को निखारा। रोशनी आगे बताते कहती है जब वह बाईक चलाना सीख रही थी तब बहुत से लोगों को एक लड़की का इस तरह की लाइफस्टाइल में रहना पसंद नहीं है। बहुत से लोग उनकी आलोचना कर रहे थे । लेकिन वह जानती थीं कि वह कुछ स्पेशल कर रही हैं, खासतौर पर लड़कियों के लिए। इसलिए उन्होंने उन लोगों के आलोचनाओं पर ध्यान नहीं दिया और अपने पैशन के लिए आगे बढ़ती गई।
राइडर्स ग्रुप में सबसे कम उम्र की
गाजियाबाद निवासी 22 वर्षीय रोशनी बताती हैं कि, ’मैं बाइक राइडर्स ग्रुप जैसे विंडचेजर्स और दिल्ली रॉयल एनफील्ड राइडर्स की मेंबर हूं। इससे पहले बजाज एवेंजर्स क्लब की सदस्य भी रही हूं, उस वक्त मेरे पास एवेंजर बाइक थी।’ रोशनी कहती है कि वह दिल्ली के वुमन बाइकर ग्रुप ’बाइकरनी’ की वह सबसे छोटी सदस्य हैं। यह ग्रुप महिला मोटरसाइकलिस्टों के जरिए लिंग समानता लाने का संदेश देने का प्रयास करता है।
फिलहाल रोशनी के पास 2 लाख की, 250 सीसी होंडा सीबीआर रेपसोल है। रोशनी के पिता भी बाइक लवर हैं और अब तक कई अलग-अलग मॉडल्स रख चुके हैं। रोशनी कहती है कि वह कुछ स्पेशल कर रही हैं, खासतौर पर लड़कियों के लिए। क्योंकि वह एक रूढ़िवादी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। जहां पर लड़कियों को इस तरह की आजादी नही हैं। वह कहती हैं ’मेरे परिवार,दोस्तों और टीचर्स का मुझे बहुत सपोर्ट मिला है।
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