केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आज यहां कहा कि सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ अनधिकृत लोग, गैर सरकारी संस्थाएं (NGO), वेबसाइट और संगठन ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत नकद प्रोत्साहन देने के नाम पर गैर-कानूनी प्रपत्रों का वितरण कर रहे हैं। इस महत्वाकांक्षी सामाजिक योजना “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले कतिपय लोगों से सावधान रहने की चेतावनी देते हुए उन्होंने जनसाधारण के नॉलेज में यह बात लाई कि इस योजना के तहत किसी भी तरह की नकद राशि नहीं दी जाती है।
यह DBT (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) योजना नहीं
मंत्रालय ने यह मामला उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार के संबंधित प्राधिकरणों के समक्ष भी उठाया है। सरकार ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति के लिए किसी तरह के नकद प्रोत्साहन का प्रावधान नहीं है। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना में बालिकाओं के महत्व को समझाने, सामाजिक व्यवस्था और ताने-बाने में व्याप्त पितृ सत्तात्मक सोच एवं लोगों की मानसिकता को बदलने की दिशा में ध्यान केन्द्रित किया जाता है व जीवन स्तर में सुधार के लिए सतत महिला सशक्तिकरण पर ध्यान दिया जाता है। यह DBT (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) योजना नहीं है।
आकर्षित होकर कोई जानकारी शेयर ना करे
मंत्रालय ने कहा है कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के नाम पर धोखाधड़ी गंभीर विषय है और यदि किसी के सामने ऐसी कोई घटना आती है, तो तुरंत इसकी जानकारी निकट के पुलिस स्टेशन और संबंधित जिलाधिकारी को देना चाहिए। इस संबंध में किसी से कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं की जानी चाहिए और किसी को भी इस तरह की धोखाधड़ी के प्रति आकर्षित नहीं होना चाहिए। ऐसे किसी फर्जी प्रपत्र को महिला और बाल विकास मंत्रालय या अन्य किसी सरकारी विभाग को नहीं भेजा जाना चाहिए। मंत्रालय ने मामले की गंभीरता और जनहित को ध्यान में रखते हुए इस पूरे मामले की जांच के लिए इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपा है।