दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं जो 70 से 80 रुपए किग्रा मिल रहा है। इसके कारण लोगों की रसोई से टमाटर कम होते जा रहे हैं। टमाटर के महंगे होने की वजह से अब लोग इसे देखकर लाल-पीले हो रहे हैं। टमाटर तमतमाता हुआ और लाल हो रहा है, लोगो की रसोई से नदारत टमाटर अब सब्जी वालोँ के पास भी नहीं है और वजह पूछने पर दुकानदार आगे से माल महंगा आ रहा है कह देते हैं, जबकि आढ़तिये कहते हैं कि हरियाणा में तेज गर्मी के बाद अचानक हुई बारिश ने ये हालत पैदा किये हैं।
यही टमाटर मुंबई में 35-40 रुपए किलो बिक रहा है तो दिल्ली में इसकी कीमत दोगुनी क्यों हो रही है? इससे एक बात तो तय है कि कीमतों में लोकल चढ़ाव के अलावा कुछ मामला जीएसटी लॉचिंग के चलते ट्रांसपोर्टरों के स्लोडाउन का भी हो. अब जनता क्या करे, पहले जब सब्जियों के दाम आसमान छूते थे तो आमजन दाल से अपनी रसोई संभालते थे, फिर दालों के भाव ने भी आसमान की ओर रुख किया तो जनता को महँगाई झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में लोगों के पास एक और तरीका होता है महगाई में भी खाने का जायका बरकरार रखने का और वो है नमकीन सेव। सेव का जो महत्वपूर्ण भाग इस शहर के लोगो के खाने में है कि सेव सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के खाने में भी प्रयोग होता है और यहाँ तक कि सेव की सब्जी भी बना ली जाती है, लेकिन टमाटर के साथ “सेव टमाटर”।
तो अब प्रश्न यह है कि जनता खाए क्या? क्योकिं GST के बाद नमकीन पर लगने वाला टैक्स 12% होगा जिससे नमकीन भी महँगा हो जायेगा। जनता को महँगाई की मार झेलने और अपने खाने के जायके को कम करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं दिखाई दे रहा अब।टमाटर की कीमत में आए इस उछाल से महिलाओं में बहुत नाराज़गी है। रसोई में बनने वाली हर चीज में टमाटर की जरूरत तो होती ही है। ऐसे में टमाटर की कीमत बढ़ने से रसोई में खाने के स्वाद में भी कमी आ गई है। इससे महिलाओं में अंसतोष है कुछ का कहना है कि खाने के स्वाद में कमी आने से उनके बच्चे खाना नहीं खाते, तो कुछ टमाटर को कम मात्र में खाने की मज़बूरी बता रही हैं।