पहलाज निहलानी के कार्यकाल पूरा होने के बाद सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष बने प्रसून जोशी। बॉलीवुड बड़ा खुश हुआ कि भई अब तो हमारी फिल्म आसानी से कम कट लगे रिलीज़ हो जाएगी। प्रसून जोशी ने कार्यभार संभाला और उनकी टेबल पर पहली फिल्म आई ‘तूफान सिंह’। प्रसून ने ये फिल्म देखी और बैन कर दी। प्रसून के इस फैसले से बॉलीवुड को झटका लग गया लेकिन उनका सोचना भी सही है। अब आप सोच रहे होंगे कि फिल्म क्यों बैन की तो आइए आपको बताते हैं फिल्म क्यों बैन हुई और ये तूफान सिंह था कौन?
दरअसल फिल्म ‘तूफान सिंह’ जिस व्यक्ति पर बेस्ड है उसका नाम तूफान सिंह ही है और वो सिस्टम से लड़ने के लिए एक ऐसा रास्ता अपनाता है जो सही नहीं है। आप ये मान सकते हैं कि वो सिस्टम से लड़ने के लिए आतंकवादी बन जाता है और नेताओं और पुलिसवालों की निर्मम तरीके से आत्महत्या करता है इसके बाद जब फिल्म खत्म होती है तो उसे शहीद भगतसिंह बताया जाता है। बस इसी बात पर सेंसर बोर्ड का माथा ठनका और कर दी उसे बैन।
पांच बहनों का इकलौता वीर था तूफान सिंह
तूफान सिंह का असली नाम जुगराज सिंह तूफान है। वह 1971 में पंजाब के चीमा खुदी गांव में जन्मा था। वह अपनी पांच बहनों में इकलौता भाई था। जब 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया, तब तूफान सिंह 13 साल का था। इस घटना का तूफान पर गहरा असर हुआ। उसने इसे सिखों पर अत्याचार माना और वह बदले की भावना से उबलने लगा. जवानी में जुगराज ने कुछ दिन नाभा जेल में गुजारे। यहां उसकी मुलाकात चरमपंथी मनबीर सिंह चाहेरू और बलदेव सिंह गुमान से हुई। सिंह ने जुगराज से कहा, वह बहुत छोटा है और अपने पिता का इकलौता बेटा है, इसलिए इस लड़ाई में आने की बजाय घर पर ही रहे लेकिन तूफान ने हिंसा का रास्ता अपनाए रखा।
सिख समुदाय ने किया समर्थन
1987 में जुगराज सिंह तूफान खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के प्रमुख अवतार सिंह ब्रह्मा के संपर्क में आया और उसकी लीडरशिप में चरमपंथ की ये लड़ाई लड़ता रहा। इसके बाद जालंधर में पंजाब आर्म्ड पुलिस हेडक्वार्टर में हुई पुलिस ऑफिसर गोविंदराम की हत्या के मामले में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में तूफान का नाम आया। इस घटना के बाद सिख समुदाय का तूफान को पूरा समर्थन और सहानुभूति मिली। दूसरी ओर पुलिस भी पूरी ताकत से उसके पीछे लग गई।
अंतिम संस्कार में चार लाख लोग हुए थे शामिल
आठ अप्रैल, 1990 को श्री हरगोविंदपुर के पास एक गांव में पुलिस और बीएसएफ ने उस घर को घेर लिया, जिसमें जुगराज सिंह तूफान ठकरा था। अंततः मुठभेड़ में जुगराज मारा गया। बताया जाता है कि जुगराज के अंतिम संस्कार में चार लाख लोग शामिल हुए थे। सिख समुदाय के कुछ लोग आज भी जुगराज को शहीद मानते हैं लेकिन पुलिस की नजर में वह आतंकी है। उस पर बनी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने रिलीज के लायक नहीं समझा। इस फिल्म को बघेल सिंह ने निर्देशित किया है। इसमें रंजीत बावा, शिफाली शर्मा और यशपाल शर्मा ने मुख्य भूमिका निभाई है. इसके निर्माता दिलबाग सिंह हैं।